उप मुख्यमंत्री ने शहीद गेंद सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण, 8 करोड़ का किया भूमि पूजन-लोकार्पण
00 प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को स्वीकृति आदेश और आवास की प्रतीकात्मक चाबी का वितरण
जगदलपुर। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बड़ाजी ग्राम के चौक में शहीद गेंद सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही 8 करोड़ तीन लाख के 9 विकास कार्यों का भूमि पूजन-लोकार्पण किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्बा समाज के शहीद गेंद सिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया और क्षेत्र में अग्रेंजी शासन के नीतियों का विरोध किया। आज के युवा शहीद गेंद सिंह का स्मरण कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें, समाज के उत्थान में अपना योगदान दें। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के 6 हितग्राहियों को आवास पूर्ण होने पर घर की प्रतीकात्मक चाबी सौंपी।साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए स्वीकृत आदेश पत्र का हितग्राहियों को वितरण किया गया। हल्बा समाज के प्रतिनिधियों ने स्मृति चिह्न भेंट किया।
कार्यक्रम को बस्तर सांसद महेश कश्यप, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल ने संबोधित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, उपाध्यक्ष श् मनिराम कश्यप, पूर्व विधायक महेश गागड़ा, लच्छू राम कश्यप क्षेत्र के जन प्रतिनिधि एवं हल्बा समाज के पदाधिकारी, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिंहा, सीईओ जिला पंचायत सुश्री प्रतिष्ठा ममगाई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शहीद गेंद सिंह बस्तर रियासत के अंतर्गत परलकोट जमींदारी के जमींदार गेंद सिंह ने मराठों और ब्रिटिश अधिकारियों के शोषण के विरुद्ध भुजरिया अबूझमाडिय़ा आदिवासियों को लेकर बस्तर की स्वतंत्रता का शंखनाद 1824-1825 में किया था। क्रांतिकारी धंवड़ा वृक्ष की टहनियों को संकेत के रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान भेजते थे, पूरा मांड अंचल क्रांति की गिरफ्त में था। विद्रोह का संचालन अलग-अलग टुकडिय़ों में मांझी लोग करते थे, और रात में गुटों में एकत्र होकर अगले दिन की योजना बनाते थे। उनका उद्देश्य बस्तर को गुलामी से मुक्त कराना था।
छत्तीसगढ़ के ब्रिटिश प्रशासक एगेन्यू के निर्देश या चांदा के पुलिस अधीक्षक कैप्टन पिव ने मराठा और अंग्रेज सेना की सहायता से 12 जनवरी, 1825 को गेंद सिंह और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया। क्रांतिकारियों का कठोर दमन किया गया और 20 जनवरी, 1825 को गेंद सिंह को उनके महल के सामने ही फांसी दे दी गई। अंग्रेजों के विरूद्व स्वतंत्रता का शंखनाद करने वाले शहीद गेंद सिंह बस्तर ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के पहले शहीद है। शहीद गेंद सिंह हल्बा समाज के संबंधित थे, बस्तर जिला के बड़ाजी ग्राम हल्बा समाज की बाहुल्यता है। इसलिए शहीद गेंद सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया गया।