National

विपक्ष भी करे राम मंदिर बनने का स्वागत, लोकसभा में बोले अमित शाह

Share

Lok Sabha : राम मंदिर पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का दिन 1528 में शुरू हुए एक संघर्ष और एक आंदोलन के अंत का दिन है। देश की संस्कृति और रामायण अलग नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा, ‘मैं आज अपने मन की बात और देश की जनता की आवाज को इस सदन के सामने रखना चाहता हूँ। जो वर्षों से कोर्ट के कागजों में दबी हुई थी।’ उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 का दिन सहस्त्रों वर्षों के लिए ऐतिहासिक बन गया है। जो इतिहास और ऐतिहासिक पलों को नहीं पहचानते, वो अपने अस्तित्व को खो देते हैं।

बजट सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में राम मंदिर पर चर्चा हुई। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 22 जनवरी पूरे भारत के लिए आध्यात्मिक चेतना का दिन है। यह सदियों के लिए ऐतिहासिक और जीत का दिन है। यह न्याय की लड़ाई की जीत का दिन है। ये 1528 में शुरू हुए एक संघर्ष और एक आंदोलन के अंत का दिन है। देश की संस्कृति और रामायण अलग नहीं है।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “राम के बिना देश की कल्पना नहीं की जा सकती है। अमित शाह ने इस दौरान बिना नाम लिए विपक्ष पर भी निशाना साधा। राम मंदिर पर सवाल खड़े करने वाले नेताओं को लेकर उन्होंने कहा कि जो ऐतिहासिक पलों को नहीं पहचानते, वो अस्तित्व खो देते हैं।’ गृह मंत्री ने विपक्षी दलों से राम मंदिर को किसी धर्म से नहीं जोड़ने का आग्रह भी किया।

गृहमंत्री शाह ने कहा, “ये दिन मां भारती विश्व गुरु के मार्ग पर ले जाने को प्रशस्त करने वाला दिन है। इस देश की कल्पना राम और रामचरितमानस के बिना नहीं की जा सकती। राम का चरित्र और राम इस देश के जनमानस का प्राण है। जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो भारत को नहीं जानते। हमने राम मंदिर निर्माण का वादा किया था उसे पूरा किया। पीएम मोदी ने जन आकांक्षाओं को पूरा किया है। पीएम ने सही राजनेता होने का परिचय दिया। गृहमंत्री ने कहा कि 1528 के बाद से हर पीढ़ी ने किसी न किसी रूप में इस आंदोलन को देखा है। यह मामला लंबे समय तक अटका रहा, लेकिन मोदी सरकार के समय यह सपना पूरा किया गया।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button