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प्रदेश में जन्मा पहला मरमेड बेबी, देश का पांचवा मामला

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धमतरी। धमतरी में एक महिला ने ‘मरमेड सिंड्रोम’ या ‘सिरेनोमेलिया’ से पीड़ित शिशु को जन्म दिया। इस नवजात के दोनों पैर आपस में जुड़े हुए थे और वह जलपरी की तरह दिखाई दे रहा था। जन्म के तीन घंटे बाद ही शिशु की मौत हो गई।
मरमेड सिंड्रोम एक दुर्लभ जन्मजात विकार है। जिसमें भ्रूण तक सही तरीके से रक्त नहीं पहुंच पाता या मां से बच्चे तक पोषण की आपूर्ति बाधित हो जाती है। इसके अलावा कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव या पर्यावरणीय कारण भी इसकी वजह हो सकते हैं। इस विकृति में शिशु की किडनी, मूत्रमार्ग और जननांग जैसे जरूरी अंग विकसित नहीं हो पाते, जिसके कारण नवजात का जीवनकाल बेहद छोटा होता है।
डॉक्टरों के अनुसार, यह छत्तीसगढ़ का पहला और देश का पांचवां मामला है। डिलीवरी कराने वाली डॉक्टर रागिनी सिंह ठाकुर ने बताया कि बच्चे का ऊपरी हिस्सा सामान्य था, लेकिन निचला हिस्सा पूरी तरह जुड़ा हुआ था। शिशु का वजन महज 800 ग्राम था। आमतौर पर सोनोग्राफी में इस तरह की विकृति का पता चल जाता है, लेकिन इस मामले में सीधे डिलीवरी के बाद जानकारी सामने आई।
विशेषज्ञों का कहना है कि मरमेड सिंड्रोम की स्थिति इतनी गंभीर होती है कि अधिकतर बच्चे मृत पैदा होते हैं या जन्म के बाद कुछ घंटे या अधिकतम कुछ दिन ही जीवित रह पाते हैं। इस विकृति की संभावना लड़कों में लड़कियों की तुलना में करीब तीन गुना अधिक पाई जाती है।

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