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स्वामी प्रसाद मौर्य की कहानी विक्रम बेताल जैसी : प्रमोद कृष्णम का तंज

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर से विवादित बयानों की वजह से चर्चा में हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर आंदोलन को लेकर विवादित बयान दे दिया है। कार सेवकों पर गोलियां चलवाने के मामले में अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान देकर कार सेवकों को अराजक तत्व करार दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अमन-चैन कायम रखने के उद्देश्य से तब सरकार ने गोलियां चलवाई थी। सरकार ने राज्य में हिंसा ना हो और अमन बनाए रखने के लिए फर्ज निभाया था।

इसकी को लेकर लेकर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर पलटवार किया है और अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य की कहानी विक्रम बेताल जैसी है। अखिलेश यादव के ऊपर स्वामी प्रसाद मौर्य का भूत चढ़ गया है। उन्होंने दावा किया कि वे स्वामी प्रसाद मौर्य से डरते हैं, वे जानते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा के व्यक्ति है, उनके बयानों से उनकी पार्टी का बेड़ा गर्क होगा और वे जानते हैं कि अगर स्वामी प्रसाद मौर्य ऐसे ही बयान देते रहे तो उत्तर प्रदेश में भाजपा को आने से कोई नहीं रोक सकता फिर भी पता नहीं क्या मजबूरी है।

पिछले साल दिसंबर में हिंदू धर्म पर की गई टिप्पणी से राजनीतिक तूफान खड़ा करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को आरोप लगाया कि राम मंदिर का उद्घाटन भाजपा का निजी कार्यक्रम है। मौर्य ने यह भी कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्रतिष्ठा समारोह के लिए अतिथि सूची भाजपा द्वारा तैयार की जा रही है। मौर्य ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन बीजेपी का निजी कार्यक्रम है, इसलिए इसके लिए मेहमानों की सूची पार्टी के सदस्यों द्वारा तैयार की जा रही है। दरअसल, राम लला की मूर्ति का स्थान मंदिर से तीन किलोमीटर दूर है।

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