पूर्व सीएम जिस विधासनभा का नेतृत्व 5 साल करते रहे वहां झूठ बोलने की जरूरत क्यों पड़ी :अमित चिमनानी
विधानसभा में कांग्रेस विधायकों द्वारा पत्रकार सुनील नामदेव के साथ की गई धक्कामुक्की और धमकीबाजी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कांग्रेस से पूछा है कि आखिर ऐसी क्या नौबत आ गई कि कांग्रेस को विधानसभा में झूठ बोलना पड़ा? पूर्व मुख्यमंत्री जिस विधानसभा का मुख्यमंत्री के रूप में 5 साल नेतृत्व करते रहे उन्हें आखिर वहां महाझूठ क्यों बोलना पड़ा? जिस पत्रकार के साथ कांग्रेस के लोगो ने धक्कामुक्की की, उसे धमकाया, उसे भूपेश बघेल ने फर्जी पत्रकार बताया और कहा कि वह पत्रकार के भेस में घुस आया था यह सिक्योरिटी लेप्स का मामला है जबकि पत्रकार सुनील नामदेव के पास न सिर्फ 16 से 20 दिसंबर 2024 तक हुए विधासनभा सत्र का प्रवेश पास था बल्कि वह छत्तीसगढ़ विधानसभा पत्रकार दीर्घा सलाहकार समिति के सदस्य भी है जिसमें प्रदेश के कुछ चुनिंदा पत्रकार ही सदस्य है।
अमित ने कहा एक पूर्व मुख्यमंत्री जो 5 साल तक जिस विधानसभा का नेतृत्व करते रहे उन्हें झूठ बोलते हिचक क्यों नहीं हुई? पूर्व मुख्यमंत्री का यह कृत्य विधानसभा के प्रति लोगों के विश्वास पर आघात करने वाला कृत्य है विधानसभा में कहे गए शब्दों को जनता पूर्णत: सत्य मानती है विधानसभा के प्रति जनता श्रद्धा भाव रखती है ऐसे में एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में इस प्रकार से झूठ कहना ,जनता को गुमराह करना, न सिर्फ निंदनीय है बल्कि और गैरसंवैधानिक भी है। जिस संविधान को हाथ में लेकर कांग्रेस के नेता घूम रहे हैं उसी संविधान की धज्जियां वह रोज उड़ा रहे हैं विधानसभा में कहे गए इस झूठ के बाद कांग्रेस की विश्वनीयता पूरी तरीके से समाप्त हो चुकी है पूर्व मुख्यमंत्री को शायद स्वयं द्वारा किए गए हमारे अमर्यादित व्यवहार और कांग्रेस के विधायकों द्वारा की गई गुंडागर्दी को छुपाने के लिए यह महा झूठ बोलना पड़ा।