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चुनावी चंदा घोटाला क़े लिए भाजपा कि मान्यता रद्द की जाए : PCC चीफ बैज

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रायपुर : PCC चीफ दीपक बैज ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर रायपुर के राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा- केंद्र सरकार नहीं चाहती कि इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में SBI जानकारी दे। दाल काली है इसलिए केंद्र सरकार जानकारी छिपाना चाहती थी। केंद्रीय एजेंसियों को वसूली का एजेंट बना दिया गया है। केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से वसूली का काम किया गया। इलेक्टोरल बॉन्ड देश का अब तक का सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला है, जिन लोगों ने चंदा दिया उन्हें हजारों करोड़ का काम दिया गया।

बैज ने कहा कि कई कंपनियों ने पहले इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे ,फिर उन्हें बड़े-बड़े प्रोजेक्ट दिए गए। भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों से छापे डालकर हफ्ता वसूली की। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शिरडी साई कंपनी पर छापा मारा। फिर उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में दान दिया। यह रिश्वतखोरी का बड़ा माध्यम बन गया है। आप क्रोनोलॉजी समझिए। चुनावी चंदे के इस खेल में भारतीय जनता पार्टी बेनकाब हो चुकी है। बैज ने चुनाव आयोग से बीजेपी की मान्यता रद्द करने की मांग की है। बैज ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। कोर्ट की मदद से चुनावी चंदे की जानकारी सार्वजनिक हो पाई। इसमें केंद्र सरकार की मिलीभगत है। बीजेपी की पोल इससे खुल गई है।

दीपक बैज ने कहा कि चुनावी चंदे में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। बीजेपी की सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग किया है। केंद्रीय जांच एजेंसियों को वसूली का टारगेट दिया गया। पहला जांच कराई जाती है और फिर बड़े-बड़े उद्योगपतियों से वसूली की जाती है, जिन कंपनियों ने चंदा दिया, उसे बाद में काम का ठेका दिया गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की मान्यता रद्द कर पार्टी के चुनाव लड़ने पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में टीका बनाने वाली दवा कंपनियों से भी वसूली की जा रही है।

PCC चीफ ने कहा कि पहले कंपनियों पर रेड होती है। फिर उन्हीं से चंदा वसूली होती है। बीजेपी आजकल चंदा दे दो और धंधा ले लो का काम कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि PM केयर फंड की जानकारी आज तक देश की जनता के पास नहीं है। अगर जानकारी सार्वजनिक हो जाए तो देश के सबसे बड़े घोटाले का पर्दाफाश होगा। भारत में COVID-19 महामारी के बाद प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति निधि यानी PM CARES फंड 28 मार्च 2020 को बनाई गई थी। इस फंड का उपयोग कोविड-19 के प्रकोप और भविष्य में आने वाली महामारी के खिलाफ मुकाबला समेत राहत और राहत प्रयासों के लिए किया जाएगा। हालांकि निधि के गठन के लिए दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इसलिए PM केयर्स फंड को आलोचना का सामना करना पड़ा है।

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