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दूधाधारी और जैतूसाव मठ के संचालकों को कोर्ट का नोटिस, पढ़े पूरी खबर

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रायपुर। राज्य के दो प्राचीन और प्रसिद्ध मठ जैतूसाव और दूधाधारी एक बार फिर चर्चा में है। इसकी शिकायत पंजीयक, सार्वजनिक न्याय से की गई है । शिकायत पर दोनों मठों का संचालन करने वालों को नोटिस भेजकर न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने कहा गया है ।
जैतूसाव मठ के न्यास के ट्रस्टी नहीं होने के बाद भी महंत रामसुंदर दास, सत्यनारायण शर्मा, सुरेश शुक्ला, जगन्नाथ अग्रवाल, ओमप्रकाश अग्रवाल, सीताराम अग्रवाल और रमेश यदु पर अनधिकृत कब्जा करने का आरोप करने और न्यास के नाम से लैटर पेड में अपना नाम छापकर न्यास की संपत्ति की चोरी करने का आरोप भ लगाया गया है।

पंजीयक, सार्वजनिक न्यास से की गई शिकायत में पुष्पेन्द्र उपाध्याय ने आरोप लगाया कि 22 अक्टूबर 2024 को अवैध रूप से न्यास की बैठक कर न्यास की दतरेंगा स्थित 17 एकड़ जमीन के सबंध में एक प्रस्ताव पास किया, और बिना अधिकार के 62 लाख रुपए न्यास के नाम से प्राप्त कर लिए है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इस मामले में न्यासी महेंद्र अग्रवाल और ट्रस्टी अजय तिवारी की इन कार्यों में मिलीभगत हैं।

इसी तरह श्री बालाजी स्वामी श्री दूधाधारी मठ को लेकर हेमंत करमेले ने शिकायत की है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि महंत रामसुंदर दास के संरक्षण में न्यासियों द्वारा 500 साल पुराने हिन्दू मठ में घोर भ्रष्टाचार, अनियमितताएं, मंदिर संपत्तियों का विक्रय, अव्यवस्था और विधि विरुद्ध कार्य किया जा रहा है।
इस पर पंजीयक, सार्वजनिक न्यास ने नोटिस जारी किया है।

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