जर्जर भवन में पढ़ रहे हैं बच्चे, विभाग को है हादसों का इन्तजार

महासमुंद। शासकीय प्राथमिक शाला खमतराई के भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी कोई भी घटना हो सकती है। तीन साल से प्रधान पाठक, पालक और शाला समिति नए भवन की मांग कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग खामोश है उन्हें हादसे का इंतजार है।
गौरतलब है कि वर्ष 2003-04 में बने इस भवन में पहली से पाँचवीं तक के 72 बच्चे अध्ययनरत हैं। भवन की छत का प्लास्टर कई जगह से टूट चुका है, बरसात में छत से पानी टपकता है, दीवारें सीलन से कमजोर हो चुकी हैं और जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं। इस बारे में शाला प्रबंधन समिति ने बताया कि तीन वर्षों से विभाग को ज्ञापन सौंपा जा रहा है, लेकिन अभी तक न तो नया भवन स्वीकृत हुआ है, न ही किसी कोई वैकल्पिक व्यवस्था किया गया है। विभाग की उदासीनता के चलते ग्रामीणों ने सामुदायिक भवन में स्कूल चलाने की पहल की है, लेकिन वहां भी सुविधाओं की कमी है, न मध्याह्न भोजन के लिए रसोईभवान है, न ही शौचालय की व्यवस्था। इससे बच्चों की पढ़ाई के साथ स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि खमतराई स्कूल उन 45 स्कूल भवनों में शामिल है जिन्हें “डिस्मेंटल” (ध्वस्त) करने की स्थिति में रखा गया है। डीईओ ने कहा कि स्कूल खुलने से पहले ही वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा गया था, और यदि अब तक नहीं हुई है तो वह इसकी जांच कराएंगे।
