छग में 12 लोग हुए डिजिटल अरेस्ट के शिकार, साइबर क्राइम के प्रकरणों में भी 168 करोड़ से अधिक की हुई ठगी
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रायपुर। राज्य में डिजिटल अरेस्ट के 12 प्रकरण दर्ज किए गए हैं और इन सभी प्रकरणों पर कार्रवाई हुई है। वहीं साइबर क्राइम के प्रकरणों में 168 करोड़ से अधिक की ठगी हुई है और अब तक 347 आरोपी पकड़े गए है। यह जानकारी गृहमंत्री विजय शर्मा ने शुक्रवार को विधानसभा में दी।
प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य धरमलाल कौशिक की जगह पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सवाल पूछे। उन्होंने जानना चाहा कि प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के कितने मामले सामने आए है? इसके जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के 12 प्रकरण आए हैं और सभी पर कार्रवाई हुई है। चंद्राकर ने साइबर क्राइम पर जानकारी चाही। इसके जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि प्रदेश में साइबर क्राइम के माध्यम से 168 करोड़ से अधिक की ठगी हुई है। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के बाद पांच करोड़ 20 लाख रूपए वसूल किए गए है। इनमें से 4 करोड़ 13 लाख रूपए पीडितों को वापस किए गए हैं।
गृहमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 4 हजार 427 बैंक अकाउंट होल्ड किया गया है। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम से जुड़े 722 लोगों को चिन्हित किया गया है। इनमें से 347 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। बाकी लोगों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया चल रही है। श्री शर्मा ने बताया कि साइबर क्राइम के आरोपियों की संख्या और इससे ज्यादा हो सकती है।
गृहमंत्री ने कहा कि देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन में इजाफा हुआ है। वर्ष-2024 में करीब 20 लाख करोड़ का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ है। देश में 40 फीसदी से अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहा है। उन्होंने बताया कि डिजिटल ट्रांजेक्शन के साथ-साथ साइबर अपराध में भी वृद्धि हुई है। इसके खिलाफ केन्द्रीय गृह मंत्रालय, और स्थानीय पुलिस साइबर अपराध को लेकर अभियान चला रहा है।
श्री चंद्राकर ने साइबर मामलों के प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को लेकर जानकारी चाही। इस पर गृहमंत्री ने बताया कि सभी जिलों में साइबर क्राइम के मामलों की जांच के लिए साइबर सेल बनाया गया है। पांच जिलों में साइबर थाने बनाए गए हैं। साइबर मामलों की जांच के लिए साइबर भवन का निर्माण किया गया है, जहां जांच के लिए सुविधाएं उपलब्ध है। केन्द्र सरकार भी पांच हजार पुलिस कर्मियों को साइबर कमांडों के रूप में तैयार कर रही है। प्रदेश के छह पुलिसकर्मी साइबर कमांडों का प्रशिक्षण ले रहे हैं। साथ ही ट्रिपल आईटी के माध्यम से भी साइबर क्राइम की विवेचना के लिए तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
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