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आजादी के बाद पहली बार कुख्यात नक्सली हिड़मा के गांव पूवर्ती में हुआ मतदान

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00 कुख्यात नक्सली हिडमा के गांव पूवर्ती एवं केरलापेंदा सहित 10 गांव में आजादी के बाद पहली बार बना मतदान केंद्र
जगदलपुर। उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि पूवर्ती गांव में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि यह गांव अब तक किसी भी चुनाव का हिस्सा नहीं रहा था। हिड़मा जैसे कुख्यात नक्सली का घर होने के बावजूद, इस गांव के लोग आजादी के बाद पहली बार अपने वोट का अधिकार इस्तेमाल कर रहे हैं। पूवर्ती गांव के ग्रामीणों ने इस चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जो न केवल उनके लोकतांत्रिक अधिकार की विजय है, बल्कि यह नक्सलवाद के खिलाफ उनके संघर्ष की भी प्रतीक है।
सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित कोंटा ब्लॉक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाताओं में अभुतपूर्व उत्साह यह साबित करता है कि अब इन इलाकों में नक्सलवाद का असर कम हो चुका है और लोग अपने भविष्य के लिए संजीदगी से मतदान कर रहे हैं। उन्होने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, यहां सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों ने नक्सलियों के प्रभाव को कम किया है, जिससे ग्रामीणों में अब बदलाव की लहर महसूस हो रही है। उन्होने कहा कि इस घटना ने यह साफ कर दिया कि जब प्रशासन और स्थानीय नेतृत्व ईमानदारी से काम करते हैं, तो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हो सकती हैं।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सबसे कुख्यात नक्सली हिडमा के गांव पूवर्ती एवं केरलापेंदा, सहित 10 गांव में आजादी के बाद पहली बार गांव की सरकार के लिये यहां के ग्रामीणों ने अपने गांव में मतदान कर आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में इतिहास रचा जा रहा है। हिडमा के गांव पूवर्ती में मतदान का आयोजन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी के बीच ग्रामीण उत्साह से वोट डाल रहे हैं। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जो इसकी तस्दीक करता है। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकों में चल रहे इस मतदान ने क्षेत्र में शांति और विकास की नई उम्मीद जगाई है। पहली बार इस गांव में मतदान हो रहा है, जहां पहले कभी मतदान केंद्र नहीं बना था।

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