उम्मीदवार चयन में क्या अंत्योदय के सिद्धांत का पालन करेगी बीजेपी?
*एडिटर राहुल चौबे की कलम से*
रायपुर। रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव में भाजपा में लगातार बड़े बड़े नेताओ का नाम दावेदारों के रूप में सामने आ रहा है। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि क्या भाजपा पार्टी के सच्चे, वफादार और कर्मठ नेताओ में से किसी एक को चुनती है या फिर वहीं बड़े बड़े नेता या फिर उनके परिवार में से किसी एक को उम्मीदवार बनाती है। दरअसल कार्यकर्ताओं का कहना है कि भाजपा अपनी पंच निष्ठाओं में से एक सामाजिक आर्थिक विषयों पर गांधीवादी दृष्टिकोण जिससे शोषणमुक्त-समतायुक्त समाज की स्थापना हो से उसके लिए कृतसंकल्पित है। भाजपा अंत्योदय की संकल्पना में विश्वास करती है। पं.दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि हमारी भावना और सिद्धांत है कि मैले कुचैले, अनपढ़, सीधे-सादे लोग हमारे नारायण है। हमें इनकी पूजा करनी है।लेकिन भाजपा में जिन नामों की चर्चा लगातार चल रही है उससे ऐसा कही प्रतीत नहीं होता कि वह पार्टी में रूठे और नाराज़ चल रहे नेताओ को मनाएगी। वही रमेश बैस की जगह भी रिक्त है चूँकि राजधानी में श्री बैस का विकल्प भाजपा को चुनना है। इतना ही नहीं बृजमोहन अग्रवाल का बंगला आम जनता के लिए हमेशा खुला होता है। और ऐसे में उनकी कमी को पूरा कर सके ऐसा कोई उम्मीदवार पार्टी को चुनना ज़रूरी है।