नेशनल कांफ्रेंस से गठबंधन करने वाली कांग्रेस बताए की क्या वो जम्मू कश्मीर में दो झंडे चाहती है: अरुण साव
रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक देश में दो प्रधान दो निशान दो विधान नहीं चलेगा के मुद्दे पर त्याग, तपस्या और बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए धारा 370 व 35-ए को समाप्त कर एक भारत श्रेष्ठ भारत और अखंड भारत के निर्माण का एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक काम किया। धारा 370 के बाद जिस प्रकार से जम्मू कश्मीर में वातावरण बदला है, जम्मू कश्मीर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा है, वहां के लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है, खुशहाली आई है, समृद्धि, आई है।
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर की जनता मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के काम और निर्णय से बहुत प्रसन्न है पर आज जिस प्रकार से चुनाव की दृष्टि से नेशनल कांफ्रेंस से कांग्रेस पार्टी ने जो गठबंधन किया है तो अब कांग्रेस पार्टी को जवाब देना पड़ेगा कि नेशनल कांफ्रेंस से गठबंधन के बाद क्या कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के अलग झंडा की मांग का भी समर्थन करती है? कांग्रेस और राहुल गांधी को यह भी बताना पड़ेगा कि नेशनल कांफ्रेंस का 370 और 35 ए को फिर से वापस लाकर जम्मू कश्मीर में फिर अशांति और आतंक के युग में धकेलने के एजेंडा का क्या कांग्रेस इसका भी समर्थन करती है? कांग्रेस पार्टी को यह भी बताना पड़ेगा कि नेशनल कांफ्रेंस के इस वादे का भी क्या कांग्रेस समर्थन करती है कि कश्मीर के युवाओं के बजाय पाकिस्तान से वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा दे? क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी एलओसी को शुरू करके फिर से बॉर्डर पर आतंकवाद और उनके इकोसिस्टम के समर्थ पोषण का समर्थन करती है? कांग्रेस पार्टी को यह भी बताना पड़ेगा कि आतंकवाद और पत्थर बाजी की घटनाओं में शामिल लोगों को परिजनों को फिर से नौकरी में बहाल कर आतंकवाद और दहशतगर्दी को फिर से कश्मीर में लाना चाहते हैं?
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा एक बार फिर से सामने आया है। धारा 370 व 35 ए समाप्त होने के बाद दलित, गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को जो आरक्षण मिल रहा है, वह भी समाप्त करने की इनकी मानसिकता है। कांग्रेस को इस पर भी अपना रुख स्पष्ट करना पड़ेगा। जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को क्या फिर से पाकिस्तान समर्पित परिवारों के हाथों में सौंप कर जम्मू कश्मीर के आम लोगों के हकों पर डाका डालने का समर्थन करते हैं।
कांग्रेस पार्टी को यह भी बताना पड़ेगा कि नेशनल कांफ्रेंस के कश्मीर को ऑटोनॉमी देने के फायदे का भी समर्थन करते हैं जो विभाजनकारी मानसिकता का परिचायक है। कांग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करके फिर से जम्मू कश्मीर को उसी आतंकवाद, पत्थर बाजी, दहशतगर्दी के दौर में लाकर जम्मू कश्मीर को फिर बर्बाद करने की जो मानसिकता है उसके साथ जुड़कर काम कर रही है। कांग्रेस पार्टी इस देश की जनता और जम्मू कश्मीर की जनता के सामने कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट करना पड़ेगा। जम्मू कश्मीर के लोगों के जीवन में वहां पर जो शांति बहाली हुई है, वहां के नौजवानों के सपनों पर पंख लगे हैं, लोगों को जो रोजगार मिला है, एक बार फिर नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस पार्टी को अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए कि क्या फिर से वही जम्मू कश्मीर यह बनाना चाहते हैं?