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छत्तीसगढ़ में मिली करारी हार पर पूर्व PCC चीफ धनेंद्र साहू ने अपनी ही पार्टी को घेरा, कहा….

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा में भी करारी हार मिली है। कांग्रेस ने प्रदेश के 11 सीटों में से सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की है। बता दें कि इस बार कांग्रेस की ओर से पूर्व CM भूपेश बघेल समेत कई दिग्गज चुनाव लड़ रहे थे। इसके बाद भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसे लेकर पूर्व PCC चीफ धनेंद्र साहू ने अपनी ही पार्टी को घेरा है। उन्होंने टिकट बंटवारा और दुर्ग संभाग के नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पहले हमने यही सोचा था कि चुनाव में बड़े चेहरों को मैदान में उतारा जाएगा। इसे लेकर सबकी सहमति बनी थी।

पूर्व PCC चीफ ने कहा कि हमें लगा था कि बड़े चेहरों से फायदा होगा। साथ ही जीत मिलेगी, लेकिन इस बात पर कोई सहमत नहीं था कि बड़े चेहरे बाहरी क्षेत्रों में जाकर चुनाव लड़े। 4 से 5 सीटों पर बाहरी प्रत्याशी का ही मुद्दा बना। हो सकता है कि हार की वजह यह भी रही हो। कांग्रेस शासनकाल के दौरान कैबिनेट में दुर्ग संभाग के विधायकों को प्राथमिकता मिली थी। इसे लेकर धनेंद्र साहू ने कहा कि मंत्रिमंडल में भी दुर्ग संभाग को बड़ी प्राथमिकता दी गई थी। लगभग 5 से 6 मंत्री वहीं से बनाए गए थे। अभी लोकसभा के टिकट में भी 4-4 लोगों को दुर्ग संभाग से प्रत्याशी बनाया गया।

उन्होंने कहा कि दुर्ग से हम इस बार 4 लाख से ज्यादा अंतर से हारे हैं, जो बड़ा विषय है। क्या कार्यकर्ता वहां नहीं बचे ? सभी नेता दुर्ग से पूरे प्रदेश में फैल गए। क्या नेताओं ने वहां समय नहीं दिया यह भी चर्चा है। साहू ने कहा कि प्रत्याशी चयन में जातिगत समीकरण लगभग प्रक्रिया की तरह हो गया है। हमेशा सोशल इंजीनियरिंग को देखा जाता है। कांग्रेस ने भी इसी आधार पर प्रयास किया था। सभी को स्थान दिया जाए और सभी को स्थान मिला भी। सोशल इंजीनियरिंग में व्यक्ति को बस नहीं देखना चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि समाज में उसकी कितनी दखल है।

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