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धर्मांतरित ईसाई की मौत होने पर ग्रामीणों ने गांव में शव दफनाने नही दिया

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कांकेर। जिले के अंतागढ़ ब्लॉक के ग्राम हवेचुर में धर्मांतरित ईसाई ग्रामीण की मौत होने पर ग्रामीणों ने उसके शव को गांव में दफनाने का विरोध किया गया। इसको लेकर ग्रामीणों ने मृतक के घर से 50 मीटर दूर पूरी रातभर बैठे रहे । दूसरे दिन भी ग्रामीणों ने शव दफनाने नहीं दिया। सूचना पर प्रशासन की टीम पहुंचकर हस्तक्षेप किया । इसके बाद भी ग्रामीणों ने गांव में शव दफनाने पर समझौता नहीं हुआ । इसके बाद प्रशासन ने शव को चारामा के ईसाई कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाज से दफनाया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम हवेचूर निवासी अंकालू राम पोटाई उम्र 55 वर्ष विगत कई वर्षों पूर्व क्रिश्चियन धर्म अपना लिया था । विगत कुछ दिनों से बीमार था, 13 मई को शाम पांच बजे अंकालू राम की मौत हो गई। अंकालू राम के घर परिवार के लोग आने लगे, जिसे देख गांव वालों को शंका हुई कि अंकालू पोटाई के यहां कुछ हुआ है । गांव वाले अंकालू राम के दूसरे धर्म में जाने से नाराज थे । जब ग्रामीणों को अंकालू राम की मौत की जानकारी हुई तो वे गांव में शव न दफना दे, इसको लेकर घर से 50 मीटर दूर बैठ गए और गांव में दूसरे धर्म अपनाने वाले को दफनाने को लेकर मना कर दिया । घर वाले गांव में और अपनी स्वयं की जमीन में शव दफनाने की कोशिश किए, लेकिन गांव वाले इसे लेकर भी नहीं माने और ग्रामीण पूरी रात मृतक के घर के कुछ दूरी में बैठे रहे, ताकि रात में शव को गांव में दफना ना दे। इसकी जानकारी मिलओ पर आज सुबह तहसीलदार अंतागढ बीरेंद्र नेताम, ताड़ोकी थाना प्रभारी तेज वर्मा भी पहुंच गए, लेकिन शव दफन करने पर कोई सहमति नहीं बनी। इसके बाद कांकेर एसडीएम राहुल रजक और कांकेर के एडिशनल एसपी आशीष बंछोर 11 बजे पहुंच कर दोनों पक्षों से बात कर समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीणों ने गांव में शव दफनाने से साफ मना कर दिया। इसके बाद सहमति नहीं बनने पर सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के आधार बनाकर घर वालों ने शव को चारामा ले जाकर दफनाने की सहमति जताई। इसके बाद शव को परिवार के साथ चारामा रवाना किया। इसके बाद शव चारामा के ईसाई कब्रिस्तान लाकर परिजनों ने ईसाई रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया।

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