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मौसम अलर्ट: छत्तीसगढ़ में अगले 48 घंटे में झमाझम बारिश के संकेत

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रायपुर | 29 सितंबर 2025:
छत्तीसगढ़ में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। बंगाल की खाड़ी में 1 अक्टूबर को नए सिस्टम के बनने से पहले प्रदेश के कई जिलों में बारिश का असर देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई, जबकि आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है।

इन जिलों में बारिश का येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने रायपुर समेत कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इनमें शामिल हैं:

  • उत्तर बस्तर कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर, बलौदा बाजार, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम और मुंगेली।
    इन जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है, वहीं कुछ इलाकों में भारी बारिश भी हो सकती है।

बारिश के आंकड़े: कहां-कितनी हुई बारिश

मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले 24 घंटों में इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वर्षा दर्ज की गई:

  • मरीन बंगला देवरी – 11 सेमी
  • राजनांदगांव, बड़ेबचेली, छोटेडोंगर – 8 सेमी
  • डौंडीलोहारा, दुर्गकोंदल, अंबागढ़ चौकी, अर्जुन्दा, तोंगपाल – 7 सेमी
  • कोंडागांव, डौंडी, माकड़ी, छिंदगढ़, कुमरदा – 6 सेमी
  • अन्य स्थानों पर 5 सेमी या उससे कम वर्षा दर्ज की गई।

रायपुर का मौसम कैसा रहेगा?

राजधानी रायपुर में आज बादल छाए रहने की संभावना है।

  • अधिकतम तापमान: 33 डिग्री सेल्सियस
  • न्यूनतम तापमान: 25 डिग्री सेल्सियस
    हल्की बारिश या बौछारें भी देखने को मिल सकती हैं।

सिनोप्टिक स्थिति: क्या कहता है मौसम विज्ञान

  • दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा वर्तमान में वेरावल, भरूच, उज्जैन, झांसी और शाहजहांपुर होते हुए आगे बढ़ रही है।
  • दक्षिण ओडिशा पर बना दबाव अब धीरे-धीरे दक्षिण छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहा है और अगले 24 घंटों में इसके कमजोर होकर सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र में बदलने की संभावना है।

1 अक्टूबर से बारिश होगी और तेज

  • 30 सितंबर को उत्तर अंडमान सागर में एक चक्रीय हवाओं का परिसंचरण बनने की संभावना है।
  • इसके असर से 1 अक्टूबर को उत्तर बंगाल की खाड़ी और उससे लगे मध्य क्षेत्र में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की उम्मीद है।
  • इस सिस्टम के कारण छत्तीसगढ़ में 1 अक्टूबर से बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं, विशेष रूप से पूर्वी और दक्षिणी जिलों में।
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