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बोधघाट परियोजना के खिलाफ 56 गावों के ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, उग्र आंदोलन की चेतावनी

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दंतेवाड़ा। बोधघाट जल विद्युत परियोजना का विरोध करते हुए 56 गांव के ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बोधघाट संघर्ष समिति के बैनर तले हितालकूडूम गांव में सैकड़ों ग्रामीणाें ने बैठक कर रणनीति बनाई है । ग्रामीणों ने कहा कि जान दे देंगे पर जमीन नहीं देंगे। ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन का फैसला लिया है। ग्रामीणों ने सरकार पर जनभावनाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है ।
13783 हेक्टेयर भूमि होगी प्रभावित: पूर्व में हुए सर्वे के अनुसार, प्रोजेक्ट से 5407 हेक्टेयर वन भूमि, 5010 हेक्टेयर निजी भूमि और 3068 हेक्टेयर राजस्व भूमि कुल मिलाकर 13783 हेक्टेयर भूमि प्रभावित होगी। 56 गांव पूरी तरह प्रभावित होंगे। इसमें डूबान क्षेत्र और बांध को मिलाकर 50 लाख से ज्यादा पेड़ आएंगे। यहाँ 500 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इंद्रावती बस्तर की सबसे प्रमुख नदी है। यह ओडिशा में 174 किमी और बस्तर में यह 234 किमी तक बहती है। पूर्व में हुए सर्वे के अनुसार इंद्रावती नदी सालाना 290 TMC पानी गोदावरी नदी में व्यर्थ बह जाता हैं । सिर्फ आधा दर्जन जगहों पर छोटे-छोटे एनीकट हैं।

गौरतलब है कि बोधघाट परियोजना परियोजना की शुरुआत 1980 में हुई थी । इसका प्रारंभिक उद्देश्य बिजली उत्पादन था, लेकिन बाद में इसमें सिंचाई को भी शामिल किया गया । इस परियोजना के शुरू होने के बाद 3.7 लाख हेक्टेयर सिंचाई, 125 MW बिजली, 4,824 टन मत्स्य उत्पादन व  7 लाख हेक्टेयर की सिंचाई हो सकेगी । . इस परियोजना में 29000 करोड़ रुपए खर्च होंगे । कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना के सर्वे के नाम पर पैसा खर्च किया परन्तु जनविरोध के चलते काम रोक दिया।

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