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अमेरिकी अदालत का बड़ा फैसला: ट्रंप के आदेश पर रोक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह एक और बड़ा झटका है! अमेरिकी संघीय अदालत ने ट्रंप के उस आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिसमें अवैध रूप से अमेरिका आए बच्चों की उम्र 18 साल होने के बाद उन्हें वयस्क हिरासत केंद्रों में भेजने की बात कही गई थी। यह फैसला अमेरिकी जिला न्यायाधीश रूडोल्फ कोंट्रेरास ने शनिवार को सुनाया था।
अदालत का फैसला और इसके मायने- अस्थायी रोक: अदालत ने आईसीई (अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग) को निर्देश दिया है कि बिना अनुमति के अमेरिका आए बच्चों को 18 साल की उम्र पूरी होने पर वयस्क हिरासत केंद्रों में नहीं रखा जा सकता।
- पूर्व आदेश का उल्लंघन: न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि यह स्वचालित हिरासत 2021 के एक पूर्व आदेश का उल्लंघन है, जिसमें बच्चों को वयस्क केंद्रों में भेजने पर रोक लगाई गई थी।
- बच्चों की सुरक्षा: अदालत का उद्देश्य उन बच्चों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना है जो अवैध रूप से अमेरिका में आए हैं और वयस्क हिरासत केंद्रों में ठीक से विकसित नहीं हो सकते।
- मानवाधिकार समूहों की प्रतिक्रिया: कई मानवाधिकार समूह ट्रंप की इस नीति की आलोचना कर रहे थे और अब अदालत के फैसले की उम्मीद कर रहे हैं ताकि बच्चों को सुरक्षित वातावरण मिल सके।
- पिछले फैसले से समानता: यह फैसला पिछले महीने एक अन्य संघीय न्यायाधीश के आदेश से मिलता-जुलता है, जिसमें ग्वाटेमाला के प्रवासी बच्चों को वापस भेजने पर रोक लगाई गई थी।
- ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर प्रभाव: इन फैसलों ने ट्रंप प्रशासन की कड़ी आव्रजन नीतियों के खिलाफ अदालत की भूमिका को स्पष्ट किया है, खासकर बच्चों और किशोरों के मामलों में।
यह फैसला अमेरिका में अवैध प्रवास और बच्चों के अधिकारों पर बहस को और गहरा कर रहा है, साथ ही ट्रंप प्रशासन को संवेदनशील मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दे रहा है।
