नगर निगम बजट में हंगामा, विपक्ष ने बताया जनविरोधी

दुर्ग। भिलाई नगर निगम के बजट सत्र में गुरुवार को भारी हंगामा हुआ। महापौर नीरज पाल ने 800 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट सदन में पेश किया, लेकिन विपक्षी पार्षदों ने इसे लेकर तीखा विरोध दर्ज कराया। सदन में भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के बीच तीखी बहस हुई और कई बार माहौल तनावपूर्ण हो गया। अंतत: भारी हंगामे के बीच महापौर द्वारा प्रस्तुत 800 करोड़ रुपये का बजट सदन में मंजूर कर दिया गया।
भाजपा पार्षद हरिओम तिवारी ने निगम आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके वार्डों में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आयुक्त न तो पार्षदों की समस्याएँ सुनते हैं और न ही उन्हें समय देते हैं। वहीं, कांग्रेस पार्षद नेहा साहू ने आरोप लगाया कि बजट में भाजपा पार्षदों के वार्डों को प्राथमिकता दी गई है, जबकि कांग्रेस वार्डों की अनदेखी की गई है। उन्होंने इसे पक्षपातपूर्ण बजट करार दिया।
भिलाई नगर उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह ने इस बजट को काल्पनिक बताते हुए कहा कि नगर निगम की वास्तविक आय 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है, ऐसे में 800 करोड़ रुपये का बजट अव्यावहारिक है। उन्होंने कहा कि बजट में शहर के विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं दी गई है और इसे पूरी तरह असफल करार दिया।
महापौर नीरज पाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह अनुमानित बजट है, जिसमें 600 करोड़ रुपये की वास्तविक व्यय संभावना है। उन्होंने बताया कि बजट में इस्पात कॉम्प्लेक्स, चार नई पानी टंकियों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास का प्रावधान किया गया है। उन्होंने सभी वार्डों में समान रूप से विकास कार्य किए जाने का दावा किया।
