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डॉ. पण्ड्या के आगमन पर रायपुर एयरपोर्ट पर गायत्री परिजनों ने किया स्वागत

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रायपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि, परम वंदनीया माताजी की जन्म शताब्दी तथा अखंड दीपक शताब्दी वर्ष कार्यक्रम के दलनायक एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी 10 दिसम्बर को नियमित विमान से छत्तीसगढ़ पहुंचे। अपने 04 दिवसीय प्रवास के दौरान वे छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के कार्यक्रमों में सहभागी बनेंगे। डॉ पण्ड्या के आगमन पर रायपुर के विवेकानंद एयरपोर्ट पर गायत्री परिजनों द्वारा पुष्पवर्षा व मंत्रोच्चार के साथ उनका भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर छ.ग. जोन प्रभारी श्री सुखदेव निर्मलकर, छ.ग. जोन समन्वयक श्रीमती आदर्श वर्मा, गायत्री शक्ति पीठ समता कॉलोनी के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी श्री श्याम बैस, ट्रस्टी – श्री दिनानाथ शर्मा, सदाशिव हथमल, हनुमान प्रसाद अग्रवाल वरिष्ठ परिजन डॉ अरुण मढ़रिया, श्रीमती सरला कोसरिया, श्रीमती प्रेमलता चन्द्राकर, दिलीप पाणिग्रही, नीलकंठ साहू युवा प्रकोष्ट से आशीष राय, माधुरी साहू, खोमन साहू, कोमल साहू दिया प्रभारी अमित डोये एवं मीडिया प्रभारी प्रज्ञा प्रकाश निगम सहित गायत्री परिवार के अनेक परिजन उपस्थित थे।
गायत्री परिवार के मीडिया प्रभारी श्री प्रज्ञा प्रकाश निगम ने बताया कि डॉ चिन्मय पण्ड्या एयरपोर्ट से सीधे बालोद के लिये रवाना हुए जहां वे 108 कुण्डीय यज्ञ के दीप महायज्ञ सहभागिता हुए। 11 दिसम्बर को सुबह 09 बजे वे जिला बेमेतरा के सिलघट में तथा दोपहर 12 बजे जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के भाटापारा में 108 कुण्डीय यज्ञ, देवपूजन में सम्मिलित होंगे। सायंकाल 06 बजे जिला सक्ति के हसौद में चल रहे 251 कुण्डीय महायज्ञ के दीपयज्ञ में उद्बोधन देंगे। 12 दिसम्बर को सुबह पुनः हसौद के प्रातःकालीन यज्ञ में सम्मिलित होंगे एवं 11 बजे जिला जशपुर के बगीचा के लिये प्रस्थान करेंगे। बगीचा में चल रहे 108 कुण्डीय यज्ञ के दीपमहायज्ञ में सायं 06 बजे अपना उद्बोधन देगें। 13 दिसम्बर को वे बगीचा प्रातः 08 बजे रांची (झारखण्ड) के लिये रवाना होेंगे तथा रांची से दिल्ली, देहरादून होते हुए शांतिकुंज हरिद्वार को जायेंगे।
डॉ चिन्मय पण्ड्या जी ने बताया कि आने वाला वर्ष 2026 में अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के तप के एवं उनके द्वारा वर्ष 1926 में प्रज्वलित अखण्ड ज्योत के 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे है ये 100 वर्ष केवल दीप के जलने के नहीं बल्कि एक ईश्वरीय योजना के 100 वर्र्षाे के साक्षी है। वर्ष 2026 अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा के जन्म की भी शताब्दि का वर्ष है। यह वर्ष हमें अपने राष्ट्र, समाज और चरित्र निर्माण के लिए स्वयं को पूर्णतः समर्पित करने का संदेश देता है। गायत्री परिवार के प्रत्येक परिजन जन्म शताब्दि वर्ष के पूर्व गुरुदेव के विचारों को राष्ट्रनिर्माण के सूत्रों को घर-घर, जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहें है। राष्ट्र निर्माण के लिये युवा चेतना भी जागृत हो चुकी है। डॉ पण्ड्या ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सांस्कृतिक विविधता, प्राकृतिक सुंदरता एवं समृद्ध आदिवासी संस्कृति के अद्भुत संगम है। उनके द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की उन्नति, प्रगति तथा यहां के वासियों की खुशहाली एवं शांतिमय जीवन की कामना की गई।

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