Chhattisgarh

तोमर बंधुओं के खिलाफ पीड़ितों की एकजुट लड़ाई

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रायपुर में हिस्ट्रीशीटर और सूदखोर रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर से परेशान लोगों ने राजधानी में बैठक कर “रोहित-वीरेंद्र तोमर परिवार पीड़ित संघ” का गठन किया। पीड़ितों ने फैसला किया कि अब वे अपनी न्याय की लड़ाई एकजुट होकर इसी संघ के बैनर तले लड़ेंगे और सभी पीड़ितों को इस मंच से जोड़ेंगे। संघ ने कहा कि एक आरोपी जेल में है और दूसरा फरार है, लेकिन उनके परिवार और कथित समाज के कुछ नेता पीड़ितों पर अनैतिक दबाव बनाने और सोशल मीडिया के जरिए डराने की कोशिश कर रहे हैं। तोमर बंधुओं के खिलाफ पुरानी बस्ती थाना में भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं और छत्तीसगढ़ ऋणियों संरक्षण अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। दोनों भाइयों ने छोटे स्तर के अपराधों से शुरुआत कर, धीरे-धीरे सूदखोरी, रंगदारी और अवैध हथियारों के कारोबार के जरिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की, जिसमें आलीशान कोठियां, महंगी गाड़ियां, नकदी और सोना शामिल हैं। यह स्पष्ट करता है कि उनके अपराध नेटवर्क कितने संगठित और व्यापक हैं और इस सवाल को जन्म देता है कि इतने बड़े स्तर पर आपराधिक गतिविधियां चलाने के बावजूद वे लंबे समय तक कानून की पकड़ से कैसे बाहर रहे।

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