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प्रशिक्षण संस्थानों को बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को विशिष्ट बनाना होगा-एस. राधा चौहान

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रायपुर। क्षमता निर्माण आयोग ने छत्तीसगढ़ सरकार और आईजीओटी के सहयोग से मंगलवार को आईआईआईटी, नया रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी विभागों के लिए क्षमता निर्माण योजनाओं के विकास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश के बाद आयोजित होने वाली यह अपनी तरह की तीसरी कार्यशाला है। कार्यशाला का उदघाटन क्षमता निर्माण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती एस. राधा चौहान, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री विकास शील, क्षमता निर्माण आयोग की प्रधान सलाहकार श्रीमती चंद्रलेखा मुखर्जी और छत्तीसगढ़ के गृह एवं जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए, क्षमता निर्माण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती एस. राधा चौहान ने कहा कि प्रशिक्षण संस्थान मिशन कर्मयोगी की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रशिक्षण संस्थानों को बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को विशिष्ट बनाना होगा। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें आज के निरंतर विकसित हो रहे प्रशिक्षण परिवेश में अपनी भूमिकाओं की फिर से कल्पना करने, उनमें सुधार करने और उन्हें फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है, जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण गतिशील होना चाहिए, निरंतर कुछ नया सीखने पर केंद्रित होन चाहिए। अध्यक्ष ने उस मानवीय तत्व के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिसे तकनीक-संचालित वातावरण के भीतर विकसित भारत के लिए नागरिक-केंद्रित शासन के लक्ष्य को पूरा करने में अपनी भूमिका निभानी है। उन्होंने यह भी कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोक सेवकों को ‘फ्यूचर रेडीÓ (भविष्य के लिए तैयार) होना आवश्यक है, और भविष्य के लिए तैयार होने के लिए हमें ‘प्रेजेंट रेडीÓ (वर्तमान के लिए तैयार) होना होगा। इस प्रकार आईजीओटी कर्मयोगी हमें भविष्य के लिए तैयार करने और हमारे देश को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप विकास और मील के पत्थर हासिल करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अपने संबोधन में, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव विकास शील ने रेखांकित किया कि कैसे विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लिए राज्य सरकार का विजन सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ संपूर्ण शासन व्यवस्था को नया आकार दे रहा है। विकास शील ने कहा कि जिला स्तर के कार्यालयों के सभी अधिकारी जनवरी 2026 से ई-ऑफिस और आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति शुरू करेंगे। उन्होंने मिड-करियर स्तर के प्रशिक्षण और अधिकारियों की ड्यूटी तथा जिम्मेदारियों के अनुसार उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए एआई-सक्षम क्षमता निर्माण योजना टूल के उपयोग पर जोर दिया।
क्षमता निर्माण आयोग की प्रधान सलाहकार श्रीमती चंद्रलेखा मुखर्जी ने सूचित किया कि छत्तीसगढ़ में आईजीओटी प्लेटफॉर्म से जुडऩे वाले अधिकारियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है और आज यह 61,000 से अधिक हो गई है और जनवरी 2026 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।

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