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अपने राजनीतिक वजूद को बचाए रखने के लिए बघेल दलीय अनुशासन के नाम पर कोरा प्रलाप कर रहे हैं-भाजपा

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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा है कि कांग्रेस की पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुशासनहीनता पर जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह वास्तव में उनकी उस बौखलाहट को व्यक्त कर रही है, जो छत्तीसगढ़ की राजनीति से बेदखल किए जाने से उपजी है। श्री गुप्ता ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अपने राजनीतिक वजूद को बचाए रखने के लिए बघेल दलीय अनुशासन के नाम पर कोरा प्रलाप कर रहे हैं जबकि बघेल के अपने अध्यक्षीय और मुख्यमंत्रित्व काल में कांग्रेस के अनुशासन की धज्जियाँ उड़ी हैं और तब बघेल मुँह में दही जमाए बैठे थे!
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने कहा कि जिला अध्यक्ष द्वारा प्रदेश पदाधिकारी को दी गई नोटिस तो एक बहाना है, दरअसल बघेल प्रदेश कांग्रेस में अपने वर्चस्व को बचाए रखने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं। बघेल को बताना चाहिए कि विधानसभा चुनाव से लेकर हाल के निकाय व पंचायत चुनावों में करारी शिकस्त के बाद हार का ठीकरा फोडऩे के लिए एक-दूसरे का सिर तलाश रहे कांग्रेस के नेताओं पर अनुशासन की कार्रवाई करने का जो तथाकथित नैतिक साहस प्रदेश नेतृत्व ने दिखाया, उनमें से अधिकांश लोगों को कुछ ही महीनों में वापस में पार्टी में लेकर अनुशासन का कौन-सा पाठ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पढ़ाया जा रहा है? श्री गुप्ता ने तंज कसा कि पार्टी में वापसी के लिए जो मापदंड पार्टी की प्रदेश इकाई ने तय किए थे, पार्टी के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने खुद उन मापदंडों की धज्जियाँ उड़ाकर एक ही दिन में एक निष्कासित कार्यकर्ता की वापसी किस आधार पर कर दी भूपेश बघेल जरा प्रदेश को यह भी तो बताएँ कि उनकी सरकार के रहते कांग्रेस विधानसभा चुनाव क्यों हारी? कार्यकर्ता-सम्मेलन में मुँह पर खरी-खोटी सुनने वाले बघेल खुद लोकसभा का चुनाव हार गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के समर्थन में नया राग आलाप रहे बघेल पहले यह भी तो बताएँ कि लोकसभा चुनाव में बैज की टिकट किसकी मेहरबानी से कटी थी।

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