तीन नक्सलियों ने किया समर्पण

कोण्डागांव। कोण्डागांव जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। जिले में सक्रिय तीन नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। आत्मसमर्पण करने वालों में एक महिला नक्सली भी शामिल है। जानकारी के अनुसार, महिला नक्सली सिरबत्ती उर्फ बत्ती कोर्राम पूर्वी बस्तर डिवीजन की सप्लाई टीम में सक्रिय थी, जिस पर राज्य सरकार ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। वहीं, दो अन्य नक्सली—जगत राम (डीएकेएमएस सदस्य, मातला क्षेत्र) और लच्छन (डीएकेएमएस सदस्य, किसकोड़ो क्षेत्र)—लंबे समय से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोण्डागांव में आयोजित आत्मसमर्पण समारोह में तीनों नक्सलियों ने बताया कि सुरक्षा बलों की बढ़ती दबावपूर्ण कार्यवाहियों, संगठन के भीतर बढ़ते मतभेद, वरिष्ठ नक्सलियों के आत्मसमर्पण और एक सुरक्षित पारिवारिक जीवन की इच्छा ने उन्हें यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025” के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है, साथ ही पुनर्वास की अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक पंकज चन्द्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) रूपेश कुमार डाण्डे, डीएसपी (ऑप्स) सतीष भार्गव तथा सीआरपीएफ की 188वीं और 12वीं बटालियन के अधिकारी उपस्थित रहे। यह आत्मसमर्पण अभियान पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी., डीआईजी उत्तर बस्तर अमित तुकाराम काम्बले और सीआरपीएफ डीआईजी एस. अरूल कुमार के निर्देशन में संचालित किया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार चल रहे सर्च ऑपरेशन, सिविक एक्शन कार्यक्रम और विकास योजनाओं के कारण ग्रामीणों का प्रशासन पर विश्वास बढ़ा है, जिसके परिणामस्वरूप अब कई नक्सली संगठन छोड़कर शांति और विकास की राह अपना रहे हैं।






