Loksabha Election 2024 : 93 सीटों पर तीसरे चरण की वोटिंग शुरू, उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेगी जनता
Loksabha Election 2024 : देश में लोकसभा चुनाव- 2024 के तीसरे चरण के सात मई को मतदान किया जा रहा है। तीसरे चरण के तहत 12 राज्यों की 93 सीटों पर मतदान हो रहा है। इस चरण में कई वीआईपी सीटों पर भी मतदान किया जा रहा है। इस फेज में गुजरात की 25, कर्नाटक की 14, महाराष्ट्र की 11, मध्य प्रदेश की नौ, छत्तीसगढ़ की सात, बिहार की पांच, असम की चार और गोवा की दो सीट पर वोट डाले जा रहे है। बड़ी संख्या में मतदाता घरों से निकलकर मतदान करने केंद्र तक पहुंचने लगे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह-सुबह गुजरात के अहमदाबाद में मतदान किया. वही गृहमंत्री अमित शाह ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया. बता दें कि गुजरात की 26 में से 25 लोकसभा सीटों पर आज मतदान हो रहा है. जबकि 26वीं सूरत लोकसभा सीट पहले ही भारतीय जनता पार्टी निर्विरोध जीत चुकी है.
चुनाव के तीसरे चरण में मध्यप्रदेश की नौ सीट पर मतदान हो रहा है। इसमें तीन वीआईपी सीटें भी शामिल है। इस चरण में तीन बड़े दिग्गजों शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह की राजनीतिक किस्मत का फैसला भी ईवीएम में बंद हो जाएगा। मध्यप्रदेश में कुल 1.77 करोड़ से अधिक मतदाता नौ सीट के लिए मैदान में उतरे 127 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। राज्य की अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट पर भी मतदान होना है। मध्य प्रदेश की इन नौ सीट में मुरैना, भिंड (एससी), ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ और बैतूल (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। इस फेज में भाजपा ने दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारा है जिनकी किस्मत का फैसला जनता ईवीएम में बंद करेगी। शिवराज सिंह चौहान लगभग 17 वर्षों के बाद विदिशा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पहले भी वो इस सीट से लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। शिवराज का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप भानु शर्मा से है। राजगढ़ सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री 77 वर्षीय दिग्विजय सिंह मैदान में है। दिग्विजय का मुकाबला दो बार के भाजपा सांसद रोडमल नागर से है। भाजपा को मध्य प्रदेश की सभी 29 सीट पर अपनी जीत की उम्मीद है। गुना सीट पर यादव समुदाय के वोट चुनावी पलड़ा झुका सकते हैं और यहां सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव से है। वर्ष 2019 में सिंधिया कांग्रेस के उम्मीदवार थे, लेकिन भाजपा के केपी यादव से सिंधिया परिवार के इस गढ़ में हार गए थे। ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार के वंशज सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए थे। विदिशा में चौहान सहज दिख रहे हैं, लेकिन राजगढ़ में मुकाबला करीबी हो सकता है। दिग्विजय सिंह 1984 और 1991 में राजगढ़ सीट से जीते थे, लेकिन 1989 में हार गए, वह 1993 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।