भ्रष्टाचार और जनता के पैसों का बंदरबांट करने लाये गए एजेंट का जमकर हुआ विरोध
कवर्धा। नगर पालिका परिषद में लंबे समय बाद सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई, भाजपा सरकार बनने के बाद मनोनीत अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार और जनता के पैसे का बंदरबांट करने 86 एजेंडा लगाया गया। जिसका जमकर विरोध भी हुआ है।
नगर पालिका परिषद कवर्धा में काफी लम्बे समय के इन्तेजार के बाद सामान्य सभा की बैठक आयोजित कर इतिहास में पहली बार इतने अधिक 86 एजेंडा पर विभिन्न कार्यों कों स्वीकृत किया जाना था।. गौतलब है विधानसभा चुनाव के बाद तत्कालीन अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने अध्यक्ष पद से अपना स्तीफा दे दिया था।. नए सरकार के गठन के बाद भाजपा ने कांग्रेस पार्षदों के बहुमत होने के विपरीत कवर्धा की जनता पर मनोनीत अध्यक्ष थोप दिया था. आलम यह है कि यदा कदा कारणों से नगर के विकास कार्य आज पर्यन्त तक रुके हुए हैं। लोकसभा चुनाव में लगे आचार संहिता के बहाली के तत्काल बाद मनोनीत अध्यक्ष ने सामान्य सभा की बैठक आहूत की जिसमे नगर विकास कार्यों के मुद्दे होने के बजाय व्यक्ति विशेष के मुद्दे ज्यादा नजर आये। सामान्य सभा की कार्यवाही में कांग्रेस के मोहित महेश्वरी के साथ सभी 16 पार्षद पुरे दम ख़म के साथ शामिल हुए। विषयों पर चर्चा करते हुए कई घंटे बीते और कुल 3 अजेंडा पर ही चर्चा हो पाई जिसके बाद सामान्य सभा कों स्थगित कर सभा की तिथि कों आगे बढ़ा दिया गया।
नही बनी सहमति
चर्चा किये गये 3 एजेंडा पर भी कांग्रेस ने अपनी सहमती नहीं जताई जिससे भाजपा पार्षदों के मुह उतरे हुए नजर आये. बौखलाहट इतनी थी कि दोनों पक्षों के मध्य जमकर बहस बाजी भी हुई मोहित महेश्वरी ने पुरे जोर के साथ सभा में अपनी बात रखी और किसी भी एजेंडे पर सहमति नही बनी है।
CMO बने भाजपा के पार्षद
मुख्य नगर पालिका अधिकारी नरेश कुमार वर्मा कों सभा में शासन की ओर से सचिव का दायित्व निर्वहन करना होता है जिसके बजाय वे सचिव की भूमिका में कम और भाजपा समर्थित पार्षद के भूमिका में नजर आये साथ ही पक्ष विपक्ष के आरोप प्रत्यारोप पर खुद ही भाजपा के पक्ष में सफाई देते हुए कांग्रेस पार्षदों के आरोप कों निराधार बता डाला।
पहले काम अब टेन्टर के लिए प्रस्ताव
नगर पालिका के मनोनीत अध्यक्ष मनहरण कौशिक ने बैठक में कई ऐसे एजेंडा लाया था, जिसका काम पहले ही हो चुका है, बैठक में सिर्फ टेंडर लगाने प्रस्ताव बनाने की कोशिश की जा रही थी, यानी काम अपने चहेते ठेकेदार से करवा लिया गया है अब टेन्टर निकालकर उन्हें राशि देना चाह रहे है, ऐसे मामले का करोड़ो का काम है जिसे नगर पालिका ने टेंडर के पहले ही पूरा कर लिया गया है। जिसका जमकर विरोध भी हुआ है।