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सार्वजनिक उपयोग के उद्यानों को बेचने या किराए पर दिए जाने पर तुरंत रोक लगे – छत्तीसगढ़ सिक्ख समाज

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सिख समाज ने राजधानी के सार्वजनिक उद्यानों एवं खेल मैदाने के अवैध कमर्शियल उपयोग को लेकर मोर्चा खोला है। छत्तीसगढ़ सिख समाज का मानना है कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए उद्यान अति आवश्यक हैं क्योंकि इस सार्वजनिक उद्यानों में लगे पेड़ पौधों की वजह से ऑक्सीजन मिलता है स्वच्छ वातावरण मिलता है, मन को शांति मिलती है, मॉर्निंग वॉक के साथ-साथ उद्यानों में लगे कसरत करने के उपकरणों के कारण महिला हो या पुरुष बच्चे हो या बुजुर्ग सभी को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। ऐसी जगह में योगा करने से शारीरिक बीमारियां नजदीक नहीं आती और डॉक्टर के भारी भरकम खर्चों की भी बचत होती है।
छत्तीसगढ़ सिख समाज के प्रदेश अध्यक्ष सुखबीर सिंह सिंघोत्रा ने पत्रकारवार्ता में बताया कि राजधानी रायपुर का तेलीबांधा तालाब जो ऐतिहासिक तालाब है, जिसमें समय-समय पर राज्य शासन, नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी के माध्यम से करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं, तालाब के चारों तरफ पाथवे बनाया गया है ताकि लोग वहां स्वास्थ्य लाभ ले सकें आसपास के निवासियों सहित पूरे शहर के लोग यहां प्रतिदिन सुबह-शाम स्वास्थ्य लाभ के लिए वॉक करने आते हैं। जल विहार कॉलोनी के दो बगीचों को अवैध रूप से तेलीबांधा प्रोजेक्ट में जोड़कर उनके व्यावसायिकरण पर आपत्ति करते हुए जलविहार कॉलोनी के राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त नमक सार्वजनिक उद्यान पर एम. एस. इंटीग्रेटेड फैसिलिटी प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद की कंपनी द्वारा अनेक प्रकार के झूले रोपवे लगाकर उद्यान पर अवैध कब्जा कर लिया है और उक्त अनेक प्रकार के झूले जिनमें रूप कोर्स, जिप लाइन के माध्यम से महंगी टिकट लगाकर अवैध कमाई की जा रही है जो कि केंद्र सरकार तथा सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन का उल्लंघन है।
सिख समाज ने उच्च न्यायालय से अपील की है कि वह मामले को संज्ञान में लेकर जनहित के लिए सार्वजनिक उद्यानों के कमर्शियल उपयोग को तुरंत बंद करवाकर उद्यानों को जनता के स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए नागरिकों को समर्पित करवाने की महती कृपा करे।

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