पाकिस्तान को आजादी की बधाई देने में कुछ गलत नहीं : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली । अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने की आलोचना करना और पाकिस्तान को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देना अपराध नहीं माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक निर्णय दिया और WhatsApp स्टेटस के चलते घिरे एक कॉलेज प्रोफेसर को राहत दे दी। अदालत का कहना है कि किसी को भी कानून के दायरे में रहकर आलोचना करने का अधिकार है।
जस्टिस अभय ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच का कहना है कि हर नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत बात कहने का अधिकार है। कोई भी नागरिक किसी अन्य देश के नागरिक को उनके स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दे सकता है। इसे अपराध नहीं माना जाएगा।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा, ‘अगर भारत का एक नागरिक पाकिस्तान के नागरिकों को 14 अगस्त को उनके स्वतंत्रता दिवस पर बधाई देता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यह सद्भावना का प्रतीक है। अपीलकर्ता के उद्देश्यों पर सिर्फ इसलिए सवाल नहीं उठाए जा सकते कि क्योंकि वह एक विशेष धर्म से है।’