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पूरे प्रदेश के धान खरीदी केन्द्रो में अव्यवस्था का आलम – दीपक बैज
रायपुर। पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने धान खरीदी केन्द्र चलो अभियान चलाया। जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पदाधिकारी धान खरीदी केन्द्रों में गये जहां उन्होंने देखा पूरे प्रदेश में धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था से किसान परेशान है। सरकार की कोशिश है कम से कम धान खरीदी की जाये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार खरीदी केन्द्रों में जानबूझकर अव्यवस्था बनाकर रखी है। प्रदेश की सभी सोसायटियों में यह परेशानिया देखने को मिली।
- बारदाने की कमी है, जिससे किसानों को धान बेचने में परेशान होना पड़ रहा।
- टोकन की व्यवस्था अव्यवहारिक है, जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा, नंबर ही नहीं आ रहा।
- किसानों को भुगतान मात्र 2300 रू. प्रति क्विंटल के हिसाब से हो रहा है।
- इलेक्ट्रॉनिक कांटा में जो तौलाई हो रहा है उसमें 1.5 किलोग्राम से 2.5 किलोग्राम अधिक तौला जा रहा है।
- अनावरी रिपोर्ट कम बनाई गयी है तथा खरीदी भी 21 क्विंटल के हिसाब से नहीं हो रही है। कहीं-कहीं ही पूरा धान खरीदा जा रहा।
- सोसायटियों में धान का उठाव नहीं होने के कारण जगह की कमी है। धान के बोरे जाम है।
- सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है।
- टोकन कटने की तारीख से 7 से 10 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है। 15 दिन बाद तक का भी टोकन नहीं मिल रहा।
- किसानों से पूरा धान नहीं खरीदा जा रहा है। अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा। किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है।
- बड़े किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे उनकी बारी ही नहीं आ रही है।
- सोसायटी से धान का उठाव नहीं होने के कारण जाम की स्थिति बन गयी है। जगह का अभाव हो गया है।
- बारदाना की भी कमी है। किसान परेशान है।
- लक्ष्य के बराबर धान की खरीदी नहीं हो रही क्योंकि जिनके टोकन कटे है उनका पूरा धान नहीं आ पा रहा।
- कांग्रेस के अभियान को देखते हुए कही-कही आज से धान उठाव शुरू हुआ है।
- सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को धान बेचे थे, उनके खाते के रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है। सिर्फ 2300 रू. प्रति क्विंटल ही आ रहा है। (जो समर्थन मूल्य है उतना)
- बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा। सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जायेगा।