स्टेट जीएसटी विभाग ने महावीर कोल वाशरी, फील कोल और पारस कोल एंड बेनेफिशिएशन से जुड़े 11 ठिकानों पर मारे छापे

बिलासपुर। रायपुर से पहुंची स्टेट जीएसटी विभाग ने बिलासपुर में स्थित महावीर कोल वाशरी, फील कोल और पारस कोल एंड बेनेफिशिएशन से जुड़े 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। 12 दिसंबर की सुबह शुरू हुई जांच देर रात तक चली। जीएसटी टीम ने कारोबारियों के ऑफिस, घर, कोल वाशरी और प्लांट में दस्तावेजों की गहन पड़ताल की। लेन-देन, आय और टैक्स रिकॉर्ड की जांच के बाद पहले ही दिन महावीर कोल वाशरी ने 10 करोड़ रुपये सरेंडर किए। जांच के दूसरे दिन फील कोल ग्रुप ने 11 करोड़ रुपये, जबकि पारस कोल वाशरी ने 6 करोड़ 50 लाख रुपये सरेंडर किए। इस तरह तीनों कारोबारियों ने कुल मिलाकर 27 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि सरेंडर की है। प्रारंभिक जांच में कोल मिक्सिंग और इनपुट टैक्स क्रेडिट में हेराफेरी की आशंका सामने आई है।
अफसरों के मुताबिक टैक्स बचाने के लिए अलग-अलग तरीकों से नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि बिलासपुर के ये तीनों बड़े कोयला कारोबारी काफी समय से जीएसटी की निगरानी में थे। इनका कारोबार कई राज्यों में है। आय और जमा किए गए टैक्स में भारी अंतर पाए जाने के बाद रायपुर की टीम ने बिलासपुर में दबिश दी। अधिकारियों ने कोयले की मिक्सिंग में उपयोग होने वाले पदार्थों की खरीद-बिक्री से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं। फिलहाल इनकी मात्रा का मिलान किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि मात्रा मिलान पूरा होने के बाद टैक्स चोरी के वास्तविक आंकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे।







