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नगर पालिका परिषद में भ्रष्टाचार, सरकार ने 5 अधिकारियों को किया निलंबित

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राजनांदगांव। कांग्रेस शासनकाल में डोंगरगढ़ नगर पालिका परिषद में निर्माण कार्यों व सामग्रियों की खरीदी में करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार के मामले में राज्य शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। दो तत्कालीन मुख्य नगर पंचायत अधिकारियों समेत पांच को निलंबित कर दिया गया है। इनमें दो उप अभियंता व एक लेखापाल भी शामिल हैं। सभी को नगरीय प्रशासन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय दुर्ग में अटैच किया गया है।
अपर सचिव अजय तिर्की द्वारा मंगलवार को जारी आदेश के अनुसार फरवरी 2021 सितंबर 2022 तक मुख्य नगर पालिका अधिकारी यमन देवांगन को आर्थिक अनियमितता का दोषी पाए जाने पर निलंबित किया गया है। वर्तमान में वे नगर पंचायत इंदौरी (कवर्धा) में मुख्य नगर पालिका अधिकारी हैं।
सितंबर 2022 से अगस्त 2023 तक डोंगरगढ़ पालिका में सीएमओ रहे प्रमोद शुक्ला को भी सस्पेंड किया गया है। अभी वे खैरागढ़ नगर पालिका में सहायक राजस्व निरीक्षक के रूप में पदस्थ हैं। इसी तरह उप अभियंता रितेश स्थापक, किशोर ठाकुर व लेखापाल दीपा भिवगढ़े को भी निलंबित किया गया है।
स्थापक व भिवगढ़े डोंगरगढ़ पालिका में ही पदस्थ हैं जबकि किशोर ठाकुर उप अभियंता के रूप में नगर पंचायत कार्यालय छुरिया में सेवारत हैं। बताया गया कि जांच में एक और तत्कालीन सीएमओ कुलदीप झा भी आर्थिक गड़बड़ी में दोषी पाए गए हैं। वे अभी खैरागढ़ पालिका में भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित चल रहे है। उन पर अलग से कार्रवाई की जाएगी, जबकि प्लेसमेंट कर्मचारी जयेस सहारे को बर्खास्त करने कहा गया है।
मामले की शिकायत इसी वर्ष फरवरी में हुई थी। अप्रैल में विभागीय मंत्री उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक को जांच के लिए आदेशित किया। जून में दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया। जांच पूरी कर टीम ने नौ अक्टूबर को निलंबन व अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा के साथ अवर सचिव को प्रतिवेदन भेजा। इसके ठीक दो माह बाद नौ दिसंबर को फाइल विभागीय मंत्री साव तक पहुंच सकी। उन्होंने तत्काल कार्रवाई का अनुमोदन कर दिया। दूसरे दिन आदेश जारी हुआ। इस तरह जांच में पूरे सात माह और उसके आगे की प्रक्रिया में कुल 10 माह लग गए।

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