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शहर की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के सूत्रधार रहे पुलिस कप्तान

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00 खुद फील्ड में उतरकर पुलिस कप्तान ने संभाली थी कमान, हर चौक-चौराहे पर पुलिस का कड़ा पहरा
बिलासपुर। “जो कानून तोड़ेगा, वो बख्शा नहीं जाएगा!” — ये थे बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक (स्क्क) रजनेश सिंह के सख्त शब्द, जिन्होंने अपनी तेज रणनीति और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अप्रोच के चलते इस बार बिलासपुर को सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण होली का उदाहरण बना दिया। इस बार होली और जुम्मे की नमाज एक ही दिन पडऩे के कारण प्रशासन के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती थी। हालांकि, स्क्क रजनेश सिंह की सूझबूझ, सतर्कता और जीरो टॉलरेंस अप्रोच ने बिलासपुर को “संवेदनशील” से “संज्ञानशील” (सेंसिबल) बिलासपुर बना दिया।
होली के दौरान बिलासपुर पुलिस कल रात से ही अलर्ट मोड में थी। जिलेभर में पुलिस जवानों ने बिना रुके ड्यूटी पर डटे रहकर चौकसी का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। होली के दिन पुलिस कप्तान रजनेश सिंह खुद फील्ड में उतरे और गश्त के दौरान हर प्रमुख चौक-चौराहे और संवेदनशील इलाकों में जवानों को निर्देशित किया। उन्होंने जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा, “आपकी मेहनत के कारण बिलासपुर सुरक्षित है। आपकी चौकसी ही आमजन को सुरक्षित और आनंदमय होली का अवसर दे रही है।”
पुलिस कप्तान ने खुद आगे बढ़कर हर फिक्स पॉइंट पर तैनात जवानों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा, “शांति और सुरक्षा से समझौता करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” बिलासपुर पुलिस ने बीते 24 घंटे से अधिक समय तक बिना रुके हर गली, हर चौक, हर बाजार और संवेदनशील क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। हर प्रमुख धार्मिक स्थल, चौक-चौराहे और संभावित भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जवान अलर्ट मोड पर रहे। हर संदिग्ध व्यक्ति पर कड़ी नजर रखी गई, जिससे उपद्रवियों को किसी भी प्रकार का मौका नहीं मिल सका।
इस दौरान एएसपी अर्चना झा, प्रशिक्षु आईपीएस सुमित सिंह और एसडीओपी नूपुर उपाध्याय के नेतृत्व में भी विशेष गश्त की गई। कोटा क्षेत्र में एसपी अर्चना झा और उनकी टीम ने फुलप्रूफ सुरक्षा का ऐसा घेरा बनाया कि उपद्रवियों के मंसूबे नाकाम हो गए। बिलासपुर में इस बार की होली को लेकर आम जनता ने पुलिस प्रशासन की सतर्कता को खूब सराहा,स्थानीय नागरिकों ने कहा, “इस बार ऐसा महसूस हुआ जैसे हर गली में पुलिस खड़ी है। हमें सुरक्षित महसूस हुआ। पुलिस ने शानदार काम किया!”
एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “हर बार होली पर हुड़दंग मचाने वाले लोग इस बार नजर ही नहीं आए। पुलिस की व्यवस्था काबिल-ए-तारीफ रही।” पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने कहा, “हमारी प्राथमिकता जिले की शांति और सुरक्षा है। अगर कोई त्योहार या नमाज के नाम पर माहौल बिगाडऩे की कोशिश करेगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा — चाहे वह कोई भी हो!” हालांकि, कुछ छुटपुट घटनाएं जरूर हुईं, लेकिन पुलिस कप्तान रजनेश सिंह की मजबूत रणनीति, निरंतर गश्त और जवानों की सतर्कता ने किसी भी बड़ी घटना को टाल दिया। बिलासपुर पुलिस का यह संचालन और स्क्क रजनेश सिंह की यह सूझबूझ अब कानून-व्यवस्था संभालने वाले अधिकारियों के लिए एक मिसाल बन चुकी है।
इस बार की होली केवल रंगों का ही नहीं, बल्कि शांति, सौहार्द और अनुशासन का प्रतीक बन गई — और इसका पूरा श्रेय पुलिस कप्तान रजनेश सिंह और उनकी मेहनती पुलिस टीम को जाता है।बिलासपुर ने इस बार साबित कर दिया कि सही नेतृत्व और कड़ी सतर्कता के दम पर “सेंसेटिव बिलासपुर” को “सेंसिबल बिलासपुर” में बदला जा सकता है।

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