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महापौर झूठ बोलते है, मास्को जाने के लिए निगम प्रशासन से मांगे थे 10 लाख रुपये की स्वीकृति : चौबे

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मास्को से लोटने के बाद सोमवार को महापौर एजाज ढे़बर में अपनी तथाकथित एमओयू की जानकारी दी। जिसमें उन्होंने अपनी यात्रा को निजी यात्रा नही बल्कि अधिकारिक यात्रा बताया और कहा कि वीजा और टिकट की व्यवस्था रूस सरकार द्वारा की गई थी,वास्तविकता यह है की महापौर जी के पास एक पत्र आता है जिसमें पत्र प्रेषित करने वाले का नाम एवं पदनाम डिप्टी महापौर लिखा है किन्तु उक्त पत्र में रूस सरकार का कोई ‘‘लोगो’’ या सील साईन नही है तथा पत्र में लाईट मेट्रो ट्रेन का भी कंही कोई जिक्र नही है। उपरोक्त पत्र से यह प्रतीत होता है कि उपरोक्त सम्मेलन मास्को के परिवहन और सड़क संरचना के विषय में सामान्य चर्चा थी जिसमें भागीदार शहरों के महापौर, परिवहन और डिजीटल विकास मंत्री तथा परिवहन ऑपरेटरों के सी.ई.ओ. परिवहन विशेषज्ञ, गैर परिवहन क्षेत्र के इनोवेटर, जिनमें उद्योग आधारित कंपनियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये गये। 
  मान.महापौर जी, जिस यात्रा को अपनी अधिकारिक यात्रा बता रहें हैं और कह रहें हैं कि रूस सरकार ने वीजा और टिकट भेजवाया था इसकी सच्चाई यह है कि 2 सितम्बर को महापौर की ओर से निगम सचिवालय को एक पत्र प्रेषित किया जाता है जिसमें उनके द्वारा कहा गया है कि मास्को में आयोजित होने वाले सम्मीट कार्यक्रम में उनको आमंत्रित किया गया है तथा उक्त कार्यक्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यात्रा में होने वाले अनुमानित व्यय राशि लगभग 10 लाख रू नगर निगम के द्वारा स्वीकृत कराने का आग्रह किया गया है। बकायदा इस विषय में नोटशीट भी चली है। इस आग्रह के साथ द ट्रेवल गैलरी के ट्रेवल एजेंट के द्वारा यात्रा में होने वाले आवागमन खर्चे (फ्लाईट फेयर) भोजन और फाईव स्टार होटल में रूकने के खर्च का विस्तार से विवरण भी प्रस्तुत किया गया है। 
   महापौर जिस एम.ओ.यू.की बात कर रहें हैं उक्त एम.ओ.यू.में लाईट मेट्रो ट्रेन का कोई जिक्र नही है। यह वास्तव में संयुक्त व्यक्त्वय है। 
    जिसे माननीय महापौर महोदय एम.ओ.यू.बता रहें हैं उसे उपरोक्त सम्मीट के प्रोग्राम में ज्वाईंट स्टेटमेंट बताया जा रहा है। कोई भी एम.ओ.यू.सरकार करती है ना कि अकेले महापौर।
 लाईट मेट्रो ट्रेन को लेकर महापौर जी अनुमति वाला व्यक्त्वय की ‘‘राज्य सरकार से अनुमति वाला स्टेज नही आया है’’ हास्यास्पद है। क्योंकि बिना शासन से अनुमति के कोई भी टेक्निकल टीम शहर में कार्य नही कर सकती है।  पूर्व में भी नगर निगम के महापौर श्रीमती किरणमयी नायक जी ने जिनेवा की यात्रा की थी महापौर प्रमोद दुबे जी ने साउथ कोरिया की यात्रा की थी जिसमें विभिन्न विषयों में सामान्य चर्चा हुई थी, एजाज ढेबर जी एक सतही नेता है उन्हें गंभीर होना चाहिए। वे शहर के प्रथम नागरिक है तथा शहर का प्रतिनिधित्व करते है उन्हें बिना सोचे समझे कोई भी बयान नही देना चाहिए। अगर लाईट मेट्रो ट्रेन के संबंध में उनसे किसी की भी चर्चा भी हुई थी तो उन्हें शहर आकर नगर निगम के प्रशासनिक मुखिया और प्रदेश सरकार के चुने हुए जनप्रतिनिधियों से चर्चा करनी थी ना कि हवा हवाई बयान देना था। महापौर 15 नवम्बर को जिन विदेशी प्रतिनिधियों के रायपुर दौरे की संभावना बता रहें है क्या वह महापौर जी का व्यक्तिगत निमंत्रण है या नगर निगम का अधिकारिक निमंत्रण है ? 

कुल मिलाकर महापौर का एम.ओ.यू.रायपुर शहर की जनता के साथ भद्दा मजाक ही है। महापौर जी को गंभीर होना चाहिए।

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