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अनुपम नगर डकैती कांड का मास्टर माइंड बीएसएफ का पूर्व सूबेदार

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00 पुलिस ने वारदात के 24 घंटे के भीतर 10 आरोपियों को धरदबोचा
रायपुर। राजधानी के अनुपम नगर में 11 फरवरी को डकैती के आरोपियों को 24 घंटे के भीतर पुलिस ने धरदबोचा। नागपुर के 2 अंतर्राज्यीय आरोपी एवं 1 महिला सहित 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से डकैती की नगदी रकम 59 लाख 50 हजार रुपये, सोने के आभूषण तथा घटना में प्रयुक्त दो कार जब्त किया है। पुलिस के मुताबिक वारदात का मुख्य आरोपी ए. सोम शेखर बीएसएफ से सूबेदार के पद से वर्ष 2011 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लिया है तथा वर्तमान में रियल हेल्प नामक एनजीओ. से जुड़ा है। साथ ही जमीन दलाली का भी कार्य करता है। डकैती में शामिल देवलाल वर्मा, कमलेश वर्मा, पुरुषोत्तम देवांगन, अजय ठाकुर, राहुल त्रिपाठी, नेहा त्रिपाठी, नागपुर महाराष्ट्र निवासी शाहिद पठान एवं पिंटू सारवान तथा बिलासपुर निवासी मनुराज मौर्य पुलिस की हिरासत में है।

अनुपम नगर डकैती कांड का मास्टर माइंड बीएसएफ का पूर्व सूबेदार

अनुपम नगर में मनोहरण वेलू किराये के मकान में अपनी बहन प्रेमा वेलू व रंजनी वेलू के साथ रहता है। 11 फरवरी को दोपहर अपनी दोनों बहनों के साथ घर में था, उसी समय दो व्यक्ति फौजी वर्दी में घर अंदर आये जो रुमाल से मुंह को ढके हुए थे। उनमें से दो व्यक्ति मनोहरण के पैर को बांधकर मुंह में टेप लगा दिया। पिस्टल निकालकर हल्ला करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। डकैतों ने बेडरुम के अंदर से एक गुलाबी रंग के बैग में रखें 60 लाख रूपये एवं काले रंग के बैग में रखें 5 लाख रूपये को ले गया। प्रार्थी की बहन प्रेमा बताई कि डकैत ने उसका मुंह दबाकर जान से मार दूंगा कहकर पिस्टल दिखाकर उसके दाहिना कंधे पर दो बार इंजेक्शन लगाया एवं महिला द्वारा उसके गले में पहने सोने की चैन को छीन लिये एवं आलमारी खोलकर उसमें रखें दो सोने के चैन व 25000 रूपये नगद निकाल लिये तथा उसका एवं रंजनी का 3 मोबाइल फोन को भी लूट कर गये।
नगरीय निकाय के मतदान के दिन हुए इस वारदात की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच की 10 विशेष टीमों का गठन किया गया। क्राइम ब्रांच की टेक्निकल टीम द्वारा घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का अवलोकन करने पर एक महिला जो पीले रंग का सलवार शूट पहनी है व मुंह में स्कार्फ बांधी है एवं 4 पुरुष एक सफेद रंग की बिना नंबर की रिज्ड कार से आकर घटना स्थल पर रुके एवं बारी-बारी से प्रार्थी के घर अंदर प्रवेश करते नजर आए। संदेही वाहन के आने-जाने वाले मार्गो में लगे हजारों सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों को खंगालने के साथ ही वाहन के संबंध में भी जानकारी प्राप्त हुआ।
मुखबीर द्वारा पुलिस टीम को सूचना दी गई कि आरोपियों के हुलिये एवं घटना में प्रयुक्त वाहन से मिलता-जुलता वाहन को देखा गया है। सूचना की तस्दीक करने के बाद टीम उस दिशा के लिए रवाना हुई। जिसके बाद अमलेश्वर, मोतीपुर, पहंदा, महोदा, परसदा, पाटन, उतई, फुण्डा आदि स्थानों पर टीमों को भेजकर मुखबीर एवं तकनीकी साक्ष्य एकत्र किये गये। सीसीटीवी. फुटेज को देखने से यह ज्ञात हुआ कि घटना के बाद एक अल्टो कार आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये कार का पायलेटिंग कर रही है, जिसमें संदेही महिला दिखायी दे रहीं है उसके पश्चात् उक्त वाहन का टीम के द्वारा राजनांदगांव तक पीछा करने पर उक्त वाहन के स्वामी की पहचान राहुल त्रिपाठी निवासी मनकी के रुप में किया गया जिसके बाद से ही आरोपियों के दिनचर्या एवं दोस्तों के संबंध में जानकारी एकत्र कर उन पर निगाह रखी गयी और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशानुसार सुनियोजित योजना बनाकर एक साथ राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर, नागपुर, बलौदा बाजार एवं रायपुर में दबिश देकर संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया। जिस पर उन्होंने उक्त घटना को कारित करना स्वीकार करते हुये डकैती की रकम का घटना के बाद सूनसान स्थान में आपस में बांटना बताने के साथ ही डकैती के मोबाईल फोन और घटना के समय पहने हये कपड़ो को रास्ते में फेंकना बताया है।
ए. सोम शेखर बीएसएफ. से सूबेदार के पद से वर्ष 2011 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लिया है तथा वर्तमान में रियल हेल्प नामक एनजीओ. से जुड़ा है। साथ ही जमीन दलाली का भी कार्य करता है। इसका प्रार्थी के परिवार से घरेलू संबंध था व इसे पैसे रखें होने की जानकारी थी। जिस पर आरोपी ए. सोम शेखर द्वारा डकैती की योजना बनायी गयी तथा अपने योजना में अपने साथी देवलाल वर्मा जो बिजली मिस्त्री है एवं कमलेश वर्मा जो ड्रायवर है एवं जमीन दलाली का भी कार्य करते है को शामिल किया।

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