सरगुजा के अमेरा कोल खदान की घटना सरकार की हठधर्मिता – बैज

रायपुर। सरकार कोयले के लिये जबरिया जल, जंगल, जमीन की बेदखली करने पर उतर आई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी बेघर किये जा रहे है। सरगुजा के अमेरा कोल माइंस क्षेत्र में जबरिया विस्थापन करने और कोयला उत्खनन करने गए जिला प्रशासन, एस.ई.सी.एल और सुरक्षा बलों के साथ टकराव हुआ। गांव वालों और आदिवासियों पे लाठियां चलवाई गई, उत्तेजित ग्रामवासियों ने पथराव भी किया, दोनों तरफ से लोग घायल हुए। यह स्थिति सरकार की हठधर्मिता और जबरिया उत्खनन करने की नीति का परिणाम है।
बैज ने कहा कि गांव वाले अपनी पुश्तैनी जमीन देना नहीं चाह रहे। सरकार जबरिया अधिग्रहित कर वहां खदान शुरू करवाना चाह रही। अधिकांश लोगों ने मुआवजा भी नहीं लिया है। ग्राम सभा और ग्राम के निवासी नहीं चाहते कि उनके गांव में कोयला का उत्खनन हो। उसका कहा है इसमें उनके इलाके खेती, बाड़ी, पर्यावरण सभी तबाह हो जायेगा। ग्रामवासी अपनी जमीनों और जंगल की बर्बादी नहीं चाहते। सरकार वहां जबरीया खोदाई करना चाह रही है।
राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है पूरे प्रदेश में यही स्थिति बनी है। हसदेव, तमनार से लेकर सभी जगह स्थानीय निवासियों की मर्जी के बिना उनको बेदखल किया जा रहा। जल, जंगल, जमीन को हथियाकर उद्योगपतियों को सौंपा जा रहा। कांग्रेस सरकार की इस नीति का विरोध करती है।
बैज ने कहा कि अमेरा की घटना के बाद पुलिस गांव वालों का दमन शुरू कर चुकी है। उनके खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सरगुजा संभाग संविधान के 5वी अनुसूची का भाग है, वहां पर पेशा कानून लागू है, संसाधनो का संतुलित दोहन प्रभावितो के सहमति से किया जाना चाहिये, कोयला उत्खनन की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड का दावा है कि वर्तमान में संचालित कोयला खदानों में आने वाले 30 सालो के लिये पर्याप्त कोयला भंडार मौजूद है, फिर यह सरकार नये खदानो के लिये जिद पर क्यों अड़ी है? भाजपा सरकार के अधिनायकवाद में असहमति के लिये कोई स्थान नहीं है, ग्रामीणों के विरोध को बर्बरता पूर्वक कुचला जा रहा है। कांग्रेस इसका भी विरोध करती है। प्रशासन इस घटना में शामिल ग्राम वासियों के साथ अपराधियों जैसा सलूक नहीं करे, यह घटना प्रशासन की गलती का परिणाम है। सरकार और पुलिस का दमन करना बंद नहीं करेगी तो कांग्रेस विरोध में आंदोलन करेगी।







