छद्म रोहिंग्या और ढोंगी साधुओ की पहचान अब छुप नहीं सकेगी: डॉ निर्वाणी

रायपुर। धर्म स्तंभ काउंसिल के सभापति डॉ. सौरव निर्वाणी ने प्रदेश विहिप कार्यालय में संघ के वरिष्ठ प्राचारक एवं विश्व हिंदू परिषद मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के संगठन मंत्री जितेन्द्र सिंह पवार से भेंट की। इस दौरान प्रदेश के मठ-मंदिरों की स्वायत्तता, प्राचीन धार्मिक धरोहरों के संरक्षण व सनातन परंपरा की निरंतरता पर चर्चा की। उन्होंने रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा साधु-वेश धारण करने का मुद्दा भी उठाया।
हाल के वर्षों में कुछ रोहिंग्या और असामाजिक तत्व साधु-वेश धारण कर मठ-मंदिरों और समाज में भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। यह न केवल साधु-संत परंपरा की पवित्रता पर आघात है, बल्कि प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है।भोले भाले जनों की श्रद्धा का लाभ उठाकर ठगी करते हैं,
विशेषकर महिलाओं को ठगी का शिकार बनाते हैं,कई जगह यह भी देखा गया कि किसी वारदात को अंजाम देने से पहले ये इसी रूप में रेकी करते हैं।
इस समस्या के समाधान के लिए यह प्रस्ताव आए।
प्रत्येक साधु-संत की परंपरा, गुरु-दीक्षा और अखाड़ा/मठ से संबद्धता का डेटा-बैंक तैयार किया जाए।
सभी मान्य संतों को डिजिटल और फिजिकल परिचय-पत्र जारी किए जाएं। प्रशासन व समाज के सहयोग से छद्म भेषधारी घुसपैठियों की पहचान कर निष्कासन की प्रक्रिया तेज़ की जाए। मीडिया और समाज को सतर्क कर इस छल और ढोंग के प्रति जनजागरण अभियान चलाया जाए। डॉ. निर्वाणी ने स्पष्ट किया कि मठ-मंदिर केवल आस्था के केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। इनके संरक्षण के लिए समाज और संगठनों को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे। इस अवसर पर डॉ. सौरव निर्वाणी ने संगठन मंत्री जितेंद्र सिंह पवार को “शबरी के राम” पुस्तक भेंट की।
वी एच पी के संगठन मंत्री जितेन्द्र पवार ने धर्म स्तंभ काउंसिल की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि
मठ-मंदिरों की रक्षा और साधु परंपरा की शुचिता की सुरक्षा, समाज और राष्ट्र की रक्षा है। विश्व हिंदू परिषद प्रदेश में धर्म स्तंभ काउंसिल के कार्यों कीं सराहना करता है। यह मुलाक़ात प्रदेश में मठ-मंदिर संरक्षण एवं साधु परंपरा की शुचिता के लिए एक निर्णायक कदम साबित होगी।
