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संविधान का व्याख्याकार, नागरिक अधिकारों का संरक्षक और न्याय का सजग प्रहरी है हाईकोर्ट: राज्यपाल डेका

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रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना का रजत जयंती समारोह राज्यपाल रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, विधि मंत्री गजेन्द्र यादव, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

राज्यपाल के संबोधन के मुख्य बिंदु:

  • न्यायपालिका की भूमिका: राज्यपाल ने कहा कि न्यायपालिका को आम जनों के लिए न्याय को सर्वसुलभ बनाने के लिए काम करना चाहिए।
  • लोक अदालत: उन्होंने लोक अदालत के अंतर्गत लंबित मामलों के त्वरित निराकरण के लिए न्यायपालिका की सराहना की।
  • नैतिकता और सुदृढ़ीकरण: राज्यपाल ने न्यायपालिका में नैतिकता, सुदृढ़ीकरण और न्यायपालिका के लंबित मामलों को कम कर आम जनों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराने की बात कही।
    मुख्यमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु:
  • छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की उपलब्धियां: मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने न्याय की पहुंच को आम जनता तक सरल बनाने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और तकनीकी को क्रांति की तरह अपनाने में अभूतपूर्व कार्य किए हैं।
  • न्यायपालिका को मजबूत करने के प्रयास: उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए बजट में वृद्धि की गई है।
  • भारतीय न्याय संहिता: मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता का उद्देश्य न्याय पर है, न कि दंड पर।

कार्यक्रम में अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:

  • स्मारिका का विमोचन: कार्यक्रम में रजत जयंती समारोह पर केंद्रित स्मारिका का विमोचन किया गया।
  • न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं का सम्मान: कार्यक्रम में न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं को सम्मानित किया गया।
  • न्यायपालिका के भविष्य के लिए विजन: उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी ने न्यायपालिका के भविष्य के लिए विजन बनाने की बात कही।

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