“छत्तीसगढ़ में टीईटी के बिना पदोन्नति पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी स्पष्टीकरण”
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के हजारों शिक्षकों के बीच पदोन्नति को लेकर भारी अनिश्चितता का माहौल है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद टीईटी को पदोन्नति की अनिवार्य योग्यता में शामिल न किए जाने से स्थिति और उलझती जा रही है। शिक्षकों का आरोप है कि नियमों की अस्पष्टता उनके भविष्य पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाल रही है, जिसके कारण मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 में टीईटी को अनिवार्य बनाने का संशोधन होना चाहिए था, लेकिन सरकार की चुप्पी ने परेशानी बढ़ा दी। कोर्ट में शिक्षकों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का 1 सितंबर 2025 का आदेश स्पष्ट है: सेवा में बने रहने के लिए नियमों के अनुसार अवसर मिलेगा, लेकिन पदोन्नति केवल उन्हीं को मिलेगी जिन्होंने टीईटी पास की है। कई राज्यों ने इस आदेश पर तुरंत कार्रवाई की, नियम अपडेट किए और आवश्यकता पड़ने पर पुनर्विचार याचिका भी दायर की, जबकि छत्तीसगढ़ में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी बीच हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर टीईटी को पदोन्नति में अनिवार्य बनाने पर स्पष्ट स्थिति बताने के निर्देश दिए हैं।







