सुकमा के दूरस्थ गांव दामापारा में नदी-नाला पार कर पैदल पहुंची स्वास्थ्य विभाग ने लगाया शिविर

रायपुर। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के 13वें चरण के तहत सुकमा जिले के सबसे संवेदनशील और दूर-दराज़ के क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ कराने के प्रति शासन पूरी रेलतराह से प्रतिबद्ध है। सुकमा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा स्वयं टीम के साथ नदी पार कर लगभग 2 किमी पैदल चलकर गाँवों में पहुँचे और अभियान की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण किया। टीम ने सेक्टर गादीरास एवं केरलापाल के मिरिवाडा, एटपाल और फूलबगड़ी के दामापारा जैसे अति संवेदनशील ग्रामों का दौरा किया।
स्कूल व आश्रम के बच्चों को दी स्वास्थ्य शिक्षा
निरीक्षण के दौरान टीम ने स्कूल एवं आश्रम के बच्चों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता का महत्व समझाया। बच्चों को यह संदेश दिया गया कि मच्छरदानी का नियमित उपयोग करें। मलेरिया से बचाव की सभी सावधानियों का पालन करें। बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य कार्यकर्ता को जानकारी दें या निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्र के कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती करने के निर्देश दिए गए, ताकि उन्हें समय पर संपूर्ण उपचार और पोषण आहार मिल सके। निरीक्षण के दौरान एक बच्चे में मलेरिया पॉजिटिव पाए जाने पर उसकी स्वास्थ्य जाँच कर दवा की पहली खुराक खिलाई गई, जो प्रशासन की जिम्मेदारी और सक्रियता का साफ प्रमाण है।
कठिन परिस्थितियों में भी अभियान जारी
नदी पार कर पैदल मार्ग से गाँवों तक पहुँचना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं को हर घर तक पहुँचाने के मिशन पर लगातार काम कर रहा है।







