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HC ने शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव से मांगा शपथपत्र, बच्चों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर लगाईं फटकार

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बिलासपुर। हाईकोर्ट ने आज शिक्षा के अधिकार मामले में शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव के शपथपत्र पर असंतुष्टि जताई है। प्रदेश के कई मान्यता प्राप्त स्कूल के संचालन, छात्रों की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीड़ी गुरु की डबल बेंच ने स्कूली बच्चों से जनरेटर लगवाने, कक्षा के दौरान प्लास्टर गिरने समेत स्कूली बच्चों की सुरक्षा और स्कूल में सुविधाओं को लेकर फटकार लगाई है। गौरतलब है कि प्रदेश में कई निजी स्कूल बिना मान्यता के नर्सरी से कक्षा 8 वीं के संचालित किए जा रहे हैं । इस को लेकर विकास तिवारी ने जनहित याचिका लगाई है। आरटीई के तहत गरीब बच्चों को बहुत से स्कूलों में प्रवेश नहीं देने पर याचिका लगाई थी । जबकि नियमत: वे इसके लिए बाध्य हैं। यह स्कूल सरकारी सब्सिडी लेकर भी नियमों की अनदेखी करते हुए मनमानी फीस वसूल कर रहे हैं।
इस सम्बन्ध में शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव को अगली सुनवाई में स्वयं के शपथपत्र में बताने कहा है कि प्रदेशभर में बिना मान्यता प्राप्त संचालित नर्सरी स्कूलों पर क्या एक्शन लिया गया है। इस स्कूल में कोई दुर्घटना होगी तो जिम्मेदार कौन होगा? इसकी अगली सुनवाई 17 सितम्बर को होगी।
प्रदेश के स्कूलों की मरम्मत में हुई गड़बड़ी का भी खुलासा हुआ है। मुंगेली के एक स्कूल में छत का प्लास्टर गिरने पर कोर्ट ने डीईओ मुंगेली को आड़े हाथों लिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मुंगेली डीईओ क्या करते रहते हैं? क्या यह सब भी सिर्फ कोर्ट ही देखे? यह हमारा काम नहीं है। कोर्ट ने तखतपुर के चना डोंगरी स्कूल के बच्चे ट्रांसफार्मर उतारने और लगाने में विद्युत कर्मियों की मदद कर रहे थे। इन सब मामलों में चीफ जस्टिस ने सवाल करते हुए स्कूल शिक्षा सचिव से नए शपथपत्र पर जवाब मांगा है।

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