सरकार ने जमीन के गाइडलाइन में किया बदलाव, गड़बड़ी पर लगेगी रोक

रायपुर। राज्य सरकार ने गाइडलाइन नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों के बाद अब जमीनों के टुकड़ों का घोटाला नहीं हो सकता है। अब जमीन चाहे डायवर्टेड हो या नान डायवर्ट, दोनों का मूल्यांकन एक ही होगा। साथ ही अब जमीन की नाप वर्गमीटर में भी नहीं, बल्कि हेक्टेयर में होगी।
राज्य सरकार ने इस संबंध में एक नया नियम बनाया है। छत्तीसगढ़ गाइडलाइन दरों का निर्धारण नियम-2000 कहा जाएगा। इस नियम के तहत अब 12 डिसमिल से कम जमीन यानी 500 वर्गमीटर खरीदने पर उसका मूल्यांकन रजिस्ट्री के दौरान वर्गफीट में किया जाएगा। इसी तरह यदि जमीन 500 वर्गमीटर से अधिक है तो उसका मूल्यांकन हेक्टेयर में किया जाएगा। इस घोटाले में जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर उसकी रजिस्ट्री कराई और इन टुकड़ों का मुआवजा वर्गमीटर में हासिल किया, जो वास्तविक राशि से 15 गुना तक अधिक था। साथ ही मुआवजा राशि टैक्स फ्री होती है, उसका लाभ भी लोगों ने उठाया। इसी कारण सरकार ने अब जमीन की नाप वर्गमीटर में करने का पैमाना ही समाप्त कर दिया है।पहले डायवर्टेड भूमि पर मुआवजा नॉन डायवर्ट से ढाई गुना अधिक मिलता था।
