दिमागी बुखार का खतरा, सरकार ने जारी की एडवाइजरी, स्पष्ट नहीं किया नदी में नहाते समय सावधानी क्यों जरूरी

पठानमथिट्टा (केरल)। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को सबरीमाला जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया है कि नदी में नहाते समय नाक पानी में न जाए। राज्य में हाल ही में अमीबिक मेनिंगोएंसेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) के मामले सामने आए हैं। इसी बीच सबरीमाला की सालाना यात्रा 17 नवंबर से शुरू हो रही है। हालांकि, एडवाइजरी में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि नदी में नहाते समय सावधानी क्यों जरूरी है। लेकिन हाल ही में केरल में दिमागी बुखार के कई मामले सामने आने पर ऐसी ही हिदायत दी गई थी। यात्रा शुरू होने से पहले श्रद्धालुओं को टहलने जैसा हल्का व्यायाम करने की सलाह दी गई है, ताकि चढ़ाई करते समय उन्हें ज्यादा थकान न हो।
विभाग ने कहा कि जिन श्रद्धालुओं का उपचार चल रहा है, वे यात्रा के दौरान अपने चिकित्सा दस्तावेज और दवाइयां साथ रखें। इसमें यह भी कहा गया कि जो लोग रोजाना दवाइयां लेते हैं, उन्हें यात्रा के दौरान दवाइयां बंद नहीं करनी चाहिए। एडवाइजरी में कहा गया है कि नदी में नहने वाले श्रद्धालु ध्यान रखें कि पानी उनकी नाक में बिल्कुल न जाए। श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे धीरे-धीरे चढ़ें, बीच-बीच में आराम करें और अगर थकान, सीने में दर्द, सांस फूलना या कमजोरी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर की मदद लें। आपातकाल की स्थिति में 04735 203232 पर संपर्क किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि श्रद्धालु केवल उबला हुआ पानी ही पिएं, खाने से पहले हाथ धोएं, धुले हुए फल खाएं और बासी या खुले में रखे भोजन से बचें। खुले में शौच पूरी तरह मना है। श्रद्धालुओं को शौचालय का ही इस्तेमाल करना चाहिए औबद में हाथ अच्छी तरह धोने चाहिए। कचरा केवल तय जगहों पर ही फेंका जाए। अगर किसी को सांप काट ले, तो सलाह है कि वह तुरंत चिकित्सा सहायता ले।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर और प्रशिक्षित स्वयंसेवी स्वास्थ्यकर्मियों को यात्रा मार्गों पर तैनात किया गया है। पंपा में 24 घंटे काम करने वाला नियंत्रण केंद्र बनाया गया है। उन्होंने कहा, जो भी यात्री चढ़ाई के दौरान किसी तरह की परेशानी महसूस करें, उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में उपचार लेना चाहिए। जानकारी देने वाले सामग्री मलयालम, अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सहित कई भाषाओं में तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के सहयोग से पूरी तरह चिकित्सा सुविधाएं तैयार की गई हैं। पंपा से सन्निधानम तक मार्ग में आपातकालीन चिकित्सा केंद्र स्थापित किए गए हैं और कोन्नी मेडिकल कॉलेज को बेस अस्पताल बनाया गया है। पथानामथिट्टाअस्पताल में आपातकालीन कार्डियोलॉजी सुविधा शुरू कर दी गई है।







