ओबीसी आरक्षण मामले में शासन को पक्ष रखने 6 सप्ताह का मिला समय
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बिलासपुर। नगरीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण में कटौती को लेकर दाखिल चुनाव याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन को अपना पक्ष रखने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई मार्च के तीसरे सप्ताह में होगी।
याचिकाकर्ता देव सिंह सेठिया ने नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रतिशत घटाने के शासन के अध्यादेश को अदालत में चुनौती दी है। अब यह अध्यादेश कानून का रूप ले चुका है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ में हुई सुनवाई के दौरान, राज्य की ओर से अधिवक्ता प्रवीण दास ने तर्क दिया कि संविधान के अनुच्छेद 243-जेडजी के तहत चुनावी मामलों में न्यायालय का हस्तक्षेप प्रतिबंधित है। इस पर याचिकाकर्ता की अधिवक्ता रजनी सोरेन और लवकुश साहू ने प्रतिवाद किया कि चुनाव प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन अन्य संवैधानिक मुद्दों पर राज्य सरकार को अपना जवाब प्रस्तुत करना चाहिए।
राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए 6 सप्ताह का समय मांगा, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया। इसके बाद याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को भी जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया गया है।
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