गरियाबंद में बिजली बिल विरोध से कांग्रेस नेताओं की एकजुटता और अंदरूनी राजनीतिक समीकरणों का खुलासा

गरियाबंद में बिजली बिल विरोध के बहाने कांग्रेस नेताओं की एकजुटता और अंदरूनी राजनीतिक समीकरण साफ तौर पर देखने को मिले हैं। जिला मुख्यालय में हुए इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पद के लगभग सभी प्रमुख दावेदार एक ही मंच पर नजर आए, जिससे संगठन चुनाव से पहले उनकी सक्रियता और शक्ति प्रदर्शन उजागर हुआ। प्रदर्शन में भावसिंह साहू, सुखचंद बेसरा, शैलेंद्र साहू, युगल पांडेय, नीरज ठाकुर सहित कई दावेदार मौजूद थे, वहीं पूर्व विधायक अमितेश शुक्ल के पुत्र भवानी शंकर शुक्ल की अप्रत्याशित एंट्री ने समीकरणों को बदल दिया। भवानी की सक्रियता ने पंद्रह दिन पहले तक मजबूत माने जा रहे युगल पांडेय और नीरज ठाकुर की स्थिति पर असर डाला है। गरियाबंद जिले में आदिवासी नेताओं, महिला और अल्पसंख्यक वर्ग की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी हुई है, जबकि एससी वर्ग से सुखचंद बेसरा अकेले दावेदार हैं। इस बार के संगठन चुनाव में एआईसीसी ने राजस्थान की वरिष्ठ नेत्री रिहाना रियाज चिश्ती को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, जो उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनके आचरण, कार्यकुशलता और नेतृत्व क्षमता के आधार पर करेंगी। स्थानीय कार्यकर्ताओं का मानना है कि बिजली बिल विरोध में दिखी यह एकजुटता यदि चुनाव तक बनी रही, तो कांग्रेस का आंतरिक माहौल मजबूत होगा।
