अन्नदाता को बना दिए हमाल, मजदूर, खरीदी केंद्रों में किसान कर रहे धान की तोलाई, प्रबंधको की मनमानी
कवर्धा। छतीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और धान की उपज करने वाले अन्नदाता किसानों को इन दिनों मजदूर और हमाल बना दिया गया है। जी हां धान खरीदी केंद्रों में किसानों से ही धान की तोलाई व अन्य काम कराया जा रहा है। धान खरीदी केंद्र पोंडी में किसानो से ही धान की तोलाई कराई जा रही है। जबकि धान की तोलाई से लेकर खरीदी केंद्र में अन्य काम के लिए हमाल लगाया गया है। इसी प्रकार खेरबना कला में भी किसानों से ही धान की तोलाई कराई जा रही है। किसान अपने धान की पलटी, बोरी को लाइन से लगाना सहित अन्य काम किसान कर रहे है जबकि इन सब के लिए मजदूर की व्यवस्था प्रशासन द्वारा किया जाता है, लेकिन समिति प्रबन्धक की मनमानी के कारण किसानों को ही मजदूरी करना पड़ रहा है।
दरसअल धान के उठा के दौरान ट्रकों में मजदूर को लगा डियस जाता है और इधर किसानों से मजदूरी कराया जाता है।
पोंडी व खरबना में 41 किलो से अधिक की खरीदी पोंडी धान खरीदी केंद्र व कवर्धा से लगे खरबना में किसानों के अनाज को मात्रा से अधिक लिया जा रहा है। पोंडी में किसानों से एक कट्टा में 41 किलो से अधिक धान लिया जा रहा है जबकि 40.700 तक लेना होता है, पर ऐसा नही किया जा रहा है। इसी प्रकार खरबना कला में भी किसानों से 41 किलो धान की खरीदी की जा रही है और कोई किसान विरोध करना है तो धान को खाली कर पंखा चलाने कहा जाता है। इस प्रकार इन खरीदी केंद्रों में किसानों को परेशान किया जा रहा है। तोलाई करने वाले मजदूर प्रबंधक के कहने पर किसानों से दुर्व्यवहार भी किया जाता है।