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पुलिस व नक्सलियों के चलते आदिवासियों के दैनिक जीवन शैली पर विपरीत असर पड़ रहा – ठाकुर

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जगदलपुर। पुलिस और नक्सलियों के चलते आदिवासियों के दैनिक जीवन शैली पर विपरीत असर पड़ रहा है। जहां एक ओर नक्सल उन्मूलन के नाम पर बेगुनाह आदिवासियों को फर्जी इनकाउंटर मारा जा रहा और जेलों में भेजा जा रहा है। वहीं बस्तर संभाग में करीब ढाई दशक से अंचल में शोषण और उत्पीडऩ के खिलाफ खड़े होने का दावा करने वाले नक्सलियों के चलते आदिवासियों के जीवन शैली पर असर पड़ रहा है। जिसकी सर्व आदिवासी समाज निंदा करता है।
सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि नक्सली संगठन द्वारा दीगर राजनीतिक संगठन के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जाना आदिवासी समाज के द्वंदात्मक बौद्धिक, राजनीतिक विकास में बाधा डालने जैसा कृत्य है। लगातार हो रही हत्याओं से आदिवासी समाज क्षुब्द है, और ऐसी घटनाओं की निंदा करता है। प्रकाश ठाकुर ने कहा कि आदिवासियों की हत्या से कोई क्रांति कैसे आ सकती है? मुखबिरी के नाम पर, गरीबों के शोषण और अत्याचार में शामिल होने का आरोप लगाकर आदिवासियों की हत्या की जा रही है। अब किसी राजनीतिक संगठन से जुड़े होने का आरोप लगा कर आदिवासियों के खात्मे के दिशा में नक्सलियों की साजिश सामने आ रही है जो निंदनीय है।

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