मारे गये आंध्र-तेलंगाना के 5 नक्सली के परिजन होने का साक्ष्य नहीं होने से उनके शव का किया गया अंतिम संस्कार – सुंदरराज पी.

जगदलपुर। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में 21 मई को हुए मुठभेड़ में मारे गए 27 नक्सलियों के बरामद शव में से नक्सल चीफ नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू सहित आंध्रपदेश और तेलंगाना के 5 नक्सलियों के शव को उनके परिजनों को नारायणपुर आने के बावजूद शव नही सौंप कर नारायणपुर के जंगल में अंतिम संस्कार किये जाने के सवाल पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि परिजन होने का दावा कर रहे लोगों के पास परिजन होने का कोई पुख्ता प्रमाण नही था।
नारायणपुर पहुंचे अपने को परिजन बताने वाले नक्सली नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू का भाई होना तथा बच्चे की तरह उसे पालने की बात कहने वाले के पास स्वयं का तो आधार कार्ड और अन्य प्रमाण था, लेकिन मारे गये नक्सली के रिश्तेदार होने का कोई साक्ष्य नहीं था । वहां के किसी सक्षम अधिकारी या जनप्रतिनिधी का कोई प्रमाणिक दस्तावेज भी नहीं होने से शव नही सौंपा गया, वही अन्य शव के प्रमाणिकता प्राप्त होने पर उनके शव को परिजनों को सौंप दिया गया है ।
बस्तर आईजी ने कहा कि अबुझमाड़ में नक्सल चीफ नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू समेत आंध्र, तेलंगाना के 5 बड़े नक्सलियों का मारा जाना बड़ी उपलब्धि है। उन्होने कहा कि लगभग 5 से 7 सुरक्षा लेयर में रहने वाला नक्सली चीफ का मारा जाना यह दर्शाता है कि उनके पास अब नक्सली लड़ाकों की भारी कमी हो गई है। आईजी ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से बस्तर काफी बीहड़ और दुर्गम क्षेत्र है। जहां नक्सलियों को तलाशने में लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, साथ ही सड़क की सुविधा भी पहले नहीं थी। लेकिन अब जगह-जगह कैंप खुलने से उन तक पहुंचना आसान हुआ है । यही कारण है कि अब नक्सलियों को निशाना बनाने में सुरक्षाबलों को कम समय और दूरी तय करना पड़ती है ।
