नाबालिग छात्र से छेडख़ानी करने वाले खेल शिक्षक को हुई 12 वर्ष के कारावास की सजा
दंतेवाड़ा। जिला सत्र न्यायालय ने पॉक्सो और एट्रोसिटी के मामले में आरोपी शिक्षक अजय सिंह को 12 वर्ष की सजा सुनाई है। आरोपी शिक्षक ने नाबालिग छात्र को घर में बलाकर छेडख़ानी की थी। इस प्रकरण में फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायधीश शैलेश शर्मा ने गावाहों और साक्ष्यों के आधार पर 12 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं विद्वान न्यायधीश ने शिक्षक के इस घिनौने कृत्य पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह अपने छात्रों का संरक्षण करे, लेकिन आरोपी ने अपने ही छात्रा के साथ ऐसा कृत्य किया जो बेहद निंदनीय है। यह न्यायालय मानती है कि माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल में शिक्षक के भरोसे छोड़ते हैं, ऐसी स्थिति में यदि शिक्षक ही शोषण करें तो बच्चे कहां सुरक्षित महसूस करेंगे? आरोपी के अपराध को गंभीर मानते हुए उस पर दया दिखाना न्याय के विरुद्ध होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 29 अक्टूबर 2024 को पीडि़त छात्रा को आरोपी शिक्षक अजय सिंह ने अपने गीदम निवास पर खेल का फॉर्म लेकर आने के बहाने बुलाया था। इसके बाद उसके साथ छेडख़ानी और दुराचार करने का प्रयास किया गया। मामले की शिकायत आदिम जाति कल्याण थाना और दंतेवाड़ा कोतवाली थाना में की गई थी। शिकायत के आधार पर आरोपी के विरुद्ध पॉक्सो और एट्रोसिटी की संगीन धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया गया था। थाना पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच के बाद आरोपी शिक्षक अजय सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश की गई केस डायरी में पीडि़ता का कथन, घटना स्थल का नजरी नक्शा और इस केश से जुड़े सभी साक्ष्यों को कथन बद्ध किया गया। फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायधीश शैलेश शर्मा ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी अजय सिंह को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया और वही एट्रोसिटी एक्ट में निर्दोष पाया। न्यायधीश शैलेश शर्मा ने भारतीय न्याय सहिंता की धारा 74 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड और धारा 10 के आरोप मे सात वर्ष का सश्रम करावास और 50 हजार का अर्थदंड भी दिया गया है। यदि सजायाफ्ता अजय सिह अर्थदंड नहीं चुकाता है तो एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास और भुगतना होगा।