महिला डॉक्टर ने मेडिसिन विभाग के एचओडी पर लगाया मानसिक और शारीरिक उत्पीडऩ का आरोप

बिलासपुर। सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) की एक महिला डॉक्टर ने मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. पंकज टेंभुर्णिकर पर मानसिक और शारीरिक उत्पीडऩ का गंभीर आरोप लगाया है। पीडि़ता ने आरोप लगाया कि बीते आठ महीनों से उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा था। मामले की शिकायत पहले सिम्स के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति से की गई, जिसके बाद छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन ने इसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तक पहुंचाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।सिम्स के डीन डॉ. रणमेश मूर्ति ने कहा कि शिकायत की जांच जारी है। मेडिसिन एचओडी को परीक्षा कार्य से अलग कर दिया गया है, उचित निर्णय लिया जाएगा।
महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया कि डॉ. टेंभुर्णिकर कार्यस्थल पर अनुचित वार्तालाप करने के साथ ही छेड़छाड़ भी करते थे। ड्यूटी के दौरान उन्होंने उसका मोबाइल पटककर तोड़ दिया था, जिससे वह मानसिक तनाव में आ गई। शिकायत के बाद सिम्स प्रशासन ने डॉ. टेंभुर्णिकर को 6 फरवरी से परीक्षा कार्य से अलग कर दिया। हालांकि, डॉक्टर्स फेडरेशन का कहना है कि इस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
इस मामले में डॉ. टेंभुर्णिकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 4 फरवरी को मेल मेडिकल वार्ड के निरीक्षण के दौरान उन्होंने एक महिला डॉक्टर को मरीज से जबरन 2200 रुपये की दवाएं बाहर से मंगवाने के लिए कहते हुए पकड़ा था। इस पर मरीज के परिजनों ने लिखित शिकायत भी दी थी। उन्होंने दावा किया कि इससे पहले भी तीन बार इस तरह की हरकतों पर मौखिक चेतावनी दी जा चुकी थी। डॉ. टेंभुर्णिकर ने महिला डॉक्टर पर जातिगत टिप्पणी करने और उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने कोतवाली थाना और महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई है और मुख्यमंत्री से उचित कार्रवाई की मांग की है।
इससे पहले भी सर्जरी विभाग के डॉक्टर ओपी राज पर एक महिला डॉक्टर ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इसे देखते हुए डॉक्टर्स फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि अगर संस्थान में महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे कानूनी कार्रवाई करने और आंदोलन छेडऩे के लिए बाध्य होंगे।
