वरिष्ठ माओवादी कैडरों ने हिंसा की निरर्थक खोखली अवधारणा को त्याग कर आत्मसमर्पण किया – सुंदरराज पी.
जगदलपुर। पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज, सुंदरराज पट्टलिंगम ने बताया कि प्रतिबंधित और अवैध सीपीआई (माओवादी) संगठन की केंद्रीय समिति द्वारा जारी हालिया (5 नवंबर 2025) प्रेस विज्ञप्ति एक बार फिर संगठन के भीतर बढ़ती हताशा, वैचारिक भ्रम और आंतरिक कलह को दर्शाती है। समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए माओवादी कैडरों को “देशद्रोही” कहने का उनका प्रयास उनके संगठन में व्याप्त गहरे अविश्वास और विघटन को उजागर करता है।
बस्तर आईजी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में केंद्रीय तथा जोनल समिति के कई वरिष्ठ माओवादी कैडरों ने हिंसा की निरर्थक और तथाकथित “दीर्घकालिक जनयुद्ध” की खोखली अवधारणा को समझते हुए आत्मसमर्पण किया है। यह प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि बस्तर क्षेत्र में माओवादी आंदोलन तेजी से अपना प्रभाव और अस्तित्व खो रहा है। जबकि बस्तर क्षेत्र में शांति, विकास और शासन में जनता की बढ़ती भागीदारी लगातार देखने को मिल रही है, शेष बचे हुए माओवादी संगठन अब भी हिंसात्मक विचारधारा और आपसी दोषारोपण में उलझे हुए हैं। बस्तर की जनता ने हिंसा को ठुकराकर शांति और प्रगति का मार्ग चुना है।
बस्तर आईजी ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप पुलिस, सुरक्षा बलों तथा स्थानीय प्रशासन की ओर से पुन: यह स्पष्ट किया जाता है कि आत्मसमर्पण और पुनर्वास का द्वार उन सभी माओवादियों के लिए खुला है जो मुख्यधारा में शामिल होकर सम्मान और शांति का जीवन जीना चाहते हैं। किंतु यदि यह अपील माओवादी कैडरों द्वारा अनसुनी की जाती है, तो उन्हें उसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।





