नवाचार को बढ़ावा देने विवि के साथ महाविद्यालयों में जल्द लागू होगा धारा 8 – कुलपति शुक्ला
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रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला ने रंग मंदिर प्रांगण में गुरुकुल महिला महाविद्यालय के पुरस्कार वितरण एवं वार्षिकोत्सव के दौरान छात्राओं को महिला शक्ति बताते हुए कहा कि महिला शक्ति को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा अनेक कार्यक्रम किए जाने की योजना है। इसके अंतर्गत सभी महाविद्यालय इन छात्राओं के लिए आत्म रक्षा के लिए निशुल्क पाठ्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी प्रकार योग एवं ध्यान के साथ स्किल डेवलपमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं। नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा धारा 8 के अंतर्गत पहल प्रारंभ होने की जानकारी दी, जिसमें ऐसे छात्र छात्राओं को अवसर दिया जाएगा जो कुछ नया प्रोजेक्ट पर काम करेंगे। इसे महाविद्यालय स्तर पर भी लागू किया जाएगा। इस अवसर पर शासी निकाय अध्यक्ष अजय तिवारी, संचालिका समिति सचिव श्रीमती शोभा खण्डेलवाल तथा समिति के सदस्य उपस्थित हुए थे।
अजय तिवारी ने छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामना देते हुए बहुमुखी विकास की दिशा में आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। वर्ष 2024 -25 के लिए सर्वश्रेष्ठ छात्रा कु. निशा साहू बीसीए तृतीय वर्ष, सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक प्रगति शर्मा, बीकॉम अंतिम एवं सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी जितेश्वरी साहू, बीकॉम द्वितीय वर्ष, एनएसएस में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कु.जस्मी साहू, पीजीडीसीए, वर्षा मिश्रा, बीएससी अंतिम , सौम्य मिश्रा बीकॉम अंतिम तथा दिव्या सोनी बीकॉम द्वितीय वर्ष को महाविद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह देखकर पुरस्कृत किया गया। सेजल एवं साथी ने राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की पत्रिका अरुणिता का विमोचन भी किया गया। महाविद्यालय द्वारा कु. चेतना साहू, वाणिज्य विभाग,कु. नेहा गायकवाड़, विज्ञान विभाग एवं कु.खुशी जैन कंप्यूटर विभाग की छात्राओं को मेरिट स्कॉलरशिप भी प्रदान की गई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ी स्वागत गीत से हुई । रेशा एवं समुह ने स्वतंत्रता पर आधारित मणिकर्णिका पर अपनी प्रस्तुति दी। दिव्यांशी ने जब छाए मेरा जादू गीत पर अपनी प्रस्तुत किया। अर्चना ने शिव तांडव पर, उजमा द्वारा गोविंदा रीमिक्स पर डांस प्रस्तुत किया गया। करुणा विश्वास नहीं तूने ओ रंगीले पर एकल गीत प्रस्तुत किया। सौम्या एवं साथी ने छत्तीसगढ़ी नृत्य बारामसी पर अपनी प्रस्तुति दी। सुप्रिया एवं साथी ने पंजाबी नृत्य से दर्शाको का ध्यान आकर्षित किया। कार्यकम का संचालन डॉ. सीमा चंद्राकर सहायक प्राध्यापक, हिंदी ने किया।
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